लखनऊ। वर्कआउट अच्छी बात है। लेकिन यह ध्यान में रखें कि जरा सी भी चूक आपको परेशानी में डाल सकती है। आपको भी वर्कआउट इंजरी न हो तो सबसे पहले आप किसी ट्रेनर के संपर्क में रहें। वर्कआउट के दौरान उम्र भी काफी मायने रखती है, इसलिए उम्र को ध्यान में जरूर रखें और उसी हिसाब से वर्कआउट करें। इस बारे में जानकारी दे रहे हैं केजीएमयू के स्पोट्र्स मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव से।
पहले वॉर्मअप करें
डॉ. आशीष ने कहा कि अक्सर लोग जिम में अधिक उत्साहित होकर ज्यादा वर्कआउट करने लगते हैं। अगर आप भी कुछ ऐसा कर रहे हैं तो अलर्ट होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस बात का ध्यान रखें कि एक्सरसाइज से पहले वॉर्मअप करें। इससे शरीर लचीला होने के साथ बॉडी हैवी एक्सरसाइज के लिए तैयार हो जाती है। व्यायाम ऐसा हो जो सभी अंगों पर फोकस करे।
लोअर बैक
वेट लिफ्टिंग का असर लोअर बैक पर पड़ता है। अधिक वजन उठाने से लोअर बैक की मांसपेशियों में इंजरी हो सकती है। इसलिए धीरे-धीरे वजन बढ़ाएं ताकि शरीर इसके लिए तैयार हो सके।
घुटना : जोडों के अधिक इस्तेमाल पर नी-इंजरी का खतरा रहता है। जैसे ट्रेडमिल का ज्यादा इस्तेमाल करने वाले लोगों को नी इंजरी होने की आशंका रहती है क्योंकि ट्रेडमिल के दौरान घुटने पर ज्यादा जोर पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि वॉक करने की आदत डालें। इसके अलावा ट्रेडमिल या घुटनों से जुड़ी एक्सरसाइज कितनी करनी है ये किसी भी एक्सपर्ट की सलाह से करें।
टखना : यह समस्या प्लेयर जैसे एथलीट में अधिक देखने को मिलती है। लिगामेंट में टिश्यू की पट्टियां होती हैं, जो हड्डियों को जोड़कर रखती हैं। टखने पर अधिक दबाव लिगामेंट को इंजर्ड कर सकता है। जो लोग ऊबड़-खाबड़ जगहों पर टहलते या दौडते हैं, उनमें इसका खतरा अधिक रहता है। इसलिए : हमेशा समतल जगह पर ही दौड़ें। जूते वही पहनें जो आपके पैरों में फिट हो।
कंधा : अक्सर देखा जाता है कि वेट लिफ्टिंग के दौरान लोग सिर से ऊपर वेट को उठा लेते हैं। इससे मांसपेशियों पर जोर अधिक पड़ता है इसलिए धीरे-धीरे वेट को उठाएं और संभव हो तभी सिर के ऊपर की तरफ जाएं। जबरजस्ती करने से आपके कंधे में इंजरी हो सकती है।
स्लिप डिस्क : अक्सर भारी वजन उठाने के दौरान स्लिप डिस्क होने की संभावना होती है। अनियमित दिनचर्या, अचानक झुकने, वजन उठाने, झटका लगने, गलत तरीके से उठने-बैठने की वजह से दर्द हो सकता है। उम्र बढऩे के कारण भी हड्डियां कमजोर होने लगती है। हड्डियां कमजोर होने के कारण स्लिप डिस्क की समस्या होने लगती है।
फिटनेस ट्रेनर की सलाह जरूरी
ऐसे वर्कआउट करें जिससे हाथ, पैर, बाइसेप्स, हिप्स पर समान असर पड़े। एक्सरसाइज के बाद रिलैक्स करें। ट्रेनर की सलाह मानें क्योंकि वे बॉडी टाइप के अनुसार वर्कआउट बताते हैं।