चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ ने दी 02 जुलाई को स्वास्थ्य महानिदेशालय के घेराव की चेतावनी
शुक्रवार को महानिदेशक को देंगे ज्ञापन
डेस्क।
लखनऊ। चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ स्थानांतरण नीति का विरोध करेगा। महासंघ ने चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशालय का घेराव करने की चेतावनी दी है। पदाधिकारी महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य को अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को ज्ञापन देंगे। यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो 02 जुलाई को महानिदेशालय का घेराव करेंगे। जरूरत पडऩे पर आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा। चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ की बृहस्पतिवार को पीएमएस भवन महानगर में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के प्रधान महासचिव अशोक कुमार ने बताया कि 21 जून के कार्मिक विभाग के शासनादेश में चिकित्सा स्वास्थ्य के अधिकारियों, कर्मचारियों के स्थानांतरण ऑनलाइन मेरिट के आधार पर किए जाने की अपेक्षा की गई है। स्थानांतरण की मेरिट क्या होगी, मेरिट निर्धारण का आधार क्या है, यह तय नहीं किया गया है। इस स्थानांतरण नीति में मेरिट का क्या औचित्य होगा, यह भी समझ से परे है। अशोक कुमार ने बताया कि कोविड-19 महामारी के मुश्किल समय में कर्मचारियों ने जान जोखिम में डालकर काम किया। उन्होंने अपनी जान भी गंवाई। अन्य प्रदेशों की सरकारों ने कर्मचारियों को इनाम के रूप प्रोत्साहन राशि दी है। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार कर्मचारियों को स्थानांतरण का तोहफा दे रही है।
प्रधान महासचिव ने कहा कि महासंघ की बैठक में शामिल प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ, नर्सिंग संवर्ग, फार्मेसी संवर्ग, ऑप्टोमेेट्रिस्ट संवर्ग, लैब टेक्रीशियन संवर्ग, एक्स-रे संवर्ग, ईसीजी संवर्ग, इलेक्ट्रिीशियन संवर्ग, डेंटल हाईजीनिस्ट संवर्ग और चतुर्थ श्रेणी संवर्ग के पदाधिकारी भी शामिल हुए थे। सभी ने सरकार के इस फैसले का सर्वसम्मति से विरोध किया। सरकार ने 25 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि नहीं दी। ना ही रिक्त पदों पर भर्ती करके कर्मचारियों की कमी दूर की गई। यही नहीं जनवरी 2020 से जुलाई 2021 तक महंगाई भत्ता फ्रीज कर दिया गया। अब तबादलों का आदेश देकर कर्मचारियों के मनोबल को गिराया जा रहा है। इसी के विरोध में महानिदेशक को शुक्रवार को ज्ञापन दिया जाएगा और 02 जुलाई को स्वास्थ्य महानिदेशालय का घेराव किया जाएगा।
व्यक्तिगत अनुरोध और पदोन्नति के पदों पर किया जाए समायोजन
चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ ने सरकार को सुझाव दिया है कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए स्थानांतरण सत्र को स्थगित करे। व्यक्तिगत अनुरोध और पदोन्नति के पदों पर जिलों और मंडल में समायोजन किया जाए। जिससे कर्मचारी-अधिकारी कम से कम प्रभावित हों और पूरे मनोयोग से जनता की सेवा करें।