एकाग्रता सभी के जीवन में बहुत जरूरी है। इस लेख में हम आपको एकाग्रता के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। खास यह युवाओं के लिए बेहद जरूरी है। एकाग्रता के लिए माइंडफुल मेडिटेशन कारगर है।
दिमाग की मांसपेशियां मजबूत होंगी
इसे रोज बीस से तीस मिनट तक करना चाहिए। ऐसा करने से आपके दिमाग की मांसपेशियां मजबूत होंगी। एकाग्रता के लिए माइंडफुल मेडिटेशन कारगर है। इसके लिए सबसे पहले आरामदायक स्थिति में बैठकर सहज हो जाएं। हर सांस को महसूस करें। इसके थोड़ी देर बाद ध्यान सांस पर एकाग्रचित्त होगा। लगातार ध्यान सांस पर देना है। यह क्रम चलता रहेगा। माइंडफुलनेस मेडिटेशन से दिमाग की उन मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद मिलती है, जिससे याद्दाश्त बढ़ती है।
वर्तमान में लगेगा ध्यान
अक्सर लोगों का ध्यान पुरानी बातें सोचने या भविष्य की प्लानिंग में होता है। यदि माइंडफुलनेस मेडिटेशन नियमित करेंगे तो पुरानी बातों को सोचना व भविष्य को चिंता से मुक्त होंगे। फालतू की बातों की ओर ध्यान नहीं जाएगा।
युवाओं के लिए फायदेमंद: यदि माइंडफुलनेस मेडिटेशन नियमित करने से फालतू की बातों की ओर ध्यान नहीं जाएगा।एकाग्रता मेें बढ़ेगी। गर्भवती महिलाएं, युवाओं के लिए भी लाभदायक है।
साइकोसिस पीड़ित न करें : माइंडफुलनेस मेडिटेशन साइकोसिस बीमारी से पीडि़त व्यक्ति को माइंडफुल मेडिटेशन नहीं करना चाहिए। उन्हें भ्रांतियां, काल्पनिक चीजें दिखने लगती है, असंगत बातें एवं उग्र हो जाना शामिल है।
ऐसे करें अभ्यास
माइंडफुलनेस मेडिटेशन को नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। सुबह उठने बाद ढीले कपड़े पहनें। बाद में रिलैक्स होकर किसी आराम दायक जगह बैठकर आंखों को बंद करके ध्यान केन्द्रित करते हुए आंखें बंद करके ध्यान लगाना चाहिए।ध्यान रहे, हलचल वाली जगह पर न बैठें। धीरे-धीरे ध्यान केंद्रित करने में मदद करती हैं। जैसे यदि कोई वेट लिफ्टिंग करता है तो उसकी मसल्स मजबूत हो जाती है और वह आसानी से वेट को उठा पाता है। इस समय सामान्यत: ढीले और हल्के कपड़े पहनने चाहिए। आराम की मुद्रा में बैठना चाहिए।