समायोजन, सभी को मानदेय देने की मांग को लेकर बांधा काला फीता, शासनादेश की प्रतियां जलाईं
डेस्क
लखनऊ। उप्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ ने राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के आह्वान पर २५ मई को प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन किया और शासनादेश की प्रतियां जलाईं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने ३१ मई तक काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
प्रदेश अध्यक्ष मयंक प्रताप सिंह और डॉ. आईएम तव्वाब ने बताया कि २५ मई से ३१ मई तक सभी कर्मचारी पूर्व में घोषित कार्यक्रम के अनुसार काला फीता बांधेंगे। ०२ जून सभी संविदा कर्मी कोविड-१९ संक्रमण के कारण शहीद हुए अपने साथियों को कार्यस्थल पर ही श्रद्धांजलि देंगे। ०४ जून को आंदोलन के १५ दिन पूरे होने पर भी प्रदेश सरकार कोई सुनवाई नहीं करेगी तो आगे की रणनीत तय की जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद को भी पूरी तरह से समर्थन दिया गया है।
उधर संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ ने मंगलवार को प्रदेश भर में काला फीता बांधकर प्रोत्साहन भत्ते के शासनादेश के विरोध में प्रदर्शन किया। संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के महामंत्री योगेश उपाध्याय ने बताया कि संगठन १५ मई से समायोजन, गृह जनपद में स्थांतरण व वेतन विसंगति के मुद्दे को लेकर सांकेतिक प्रदर्शन कर रहा है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अब प्रदेश कमेटी की वर्चुअल बैठक में आगे के आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।
इसके अलावा राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उप्र के आह्वान पर आयुष फार्मासिस्ट संघ उत्तर प्रदेश के सभी फार्मासिस्टों ने काली पट्टी बांधकर कार्य किया। कर्मचारियों ने प्रोत्साहन भत्ते के शासनादेश की प्रतियां जलाईं। आयुष फार्मासिस्ट संघ के प्रदेश अध्यक्ष अम्मार जाफरी ने कहा कि आरआरटी टीम/कंट्रोल रूम/इमर्जेंसी/वैक्सिनेशन में लगे सभी कर्मचारियों को २५ प्रतिशत की बाध्यता खत्म करते हुए एक निर्धारित प्रोत्साहन राशि दी जाए। वर्तमान शासनादेश कर्मचारियों के बीच भेदभाव पैदा कर रहा है।