मधुमेह के रोगियों को अपना खास ख्याल रखना चाहिए। यह बीमारी आपके दिल, किडनी और आंखों पर भी असर डाल सकती है। इस लेख में हम आपको मधुमेह से होने वाले खतरों के बारे में बताने जा रहे हैं।
पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता
मधुमेह राेग में शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता है या इंसुलिन का उपयोग ठीक तरह से नहीं कर पाता है। नतीजतन, रक्त में शर्करा की मात्रा जितनी होनी चाहिए, उससे अधिक हो जाती है। ग्लूकोज , या रक्त शर्करा, मानव शरीर के लिए मुख्य ऊर्जा स्रोत है। यह हमारे द्वारा खाए गए भोजन से आता है। इंसुलिन हार्मोन ग्लूकोज को ईंधन में बदलकर शरीर की कोशिकाओं पहुंचाने में मदद करता है। यदि इसका सही समय पर इलाज किया जाएं ताे इसे नियंत्रित किया जा सकता हैं। लेकिन इलान न लेने पर यह कर्इ समस्याआें काे जन्म दे सकता है, जिनमें हृदय रोग, स्ट्रोक, गुर्दे की क्षति और तंत्रिका क्षति शामिल हैं। आइए जानते हैं डायबिटिज से हाेने वाली अन्य शारिरिक समस्याआें ( Diabetes Cause Other Health Problems ) के बारे में :-
मधुमेह के खतरे: Diabetes Risk Factors
नर्व सिस्टम काे नुकसान: Nerve damage
रक्त में लंबे समय तक शर्करा का उच्च स्तर, रक्त वाहिकाओं को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।यदि रक्त वाहिकाएं ठीक से काम नहीं करती हैं ताे रक्त शरीर के जरूरी हिस्साें तक नहीं पहुंच पाता हैं। जिससे शरीर के कर्इ अंग काम करना बंद कर सकते हैं।
हृदय रोग: Heart Disease
मधुमेह राेगियाें काे हृदय रोग हाेने का अधिक खतरा रहता है। मधुमेह से कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप के स्तर में वृद्धि हाेती है। धूम्रपान, हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास होना और निष्क्रिय जीवनशैली हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाती है।
गुर्दे की बीमारी: Kidney Damage
मधुमेह वाले लोगों को गुर्दे की छोटी रक्त वाहिकाओं में परिवर्तन के कारण गुर्दे की बीमारी (नेफ्रोपैथी) का खतरा होता है। इसकी स्क्रीनिंग बहुत जरूरी है। वर्ष में कम से कम एक बार मूत्र में माइक्रोआल्ब्यूमिन (प्रोटीन की बहुत कम मात्रा) की जाँच करके गुर्दे की क्षति का शीघ्र निदान किया जा सकता है। आपका डॉक्टर रक्त परीक्षण के साथ अनुमानित ग्लोमेर्युलर निस्पंदन दर (ई-जीएफआर) सहित आपके गुर्दे की कार्यक्षमता की भी जांच करेगा।
याैन क्षमता पर असर: Erectile Dysfunction
तंत्रिका क्षति के द्वारा शरीर की याैन उत्तेजनाओं प्रकट करने की क्रिया पर को भेजने और प्रतिक्रिया नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।इरेक्टाइल डिसफंक्शन मधुमेह वाले पुरुषों में विकसित होने की संभावना तीन गुना से अधिक है।
मधुमेह नेत्र रोग: मधुमेह से संबंधित आंखों की समस्याओं में शामिल हैं- Eye damage
रेटिनोपैथी – रेटिना में रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं जो अंततः आपकी दृष्टि को प्रभावित करती हैं। नियमित नेत्र जांच किसी भी परिवर्तन का पता लगाने में मदद करती है और आगे के उपचार के लिए सलाह देती है जो आगे के नुकसान को रोकने के लिए आवश्यक है।
मोतियाबिंद – डायबिटिस राेगियाें काे मोतियाबिंद का खतरा भी सामान्य लाेगाें की तुलना में अधिक रहता हैं।
ग्लूकोमा – आंख के भीतर तरल पदार्थ का दबाव सामान्य से अधिक स्तर तक होता है। यह दबाव समय के साथ आंख को नुकसान पहुंचा सकता है। ग्लूकोमा मधुमेह वाले लोगों में अधिक आम है।