एलोपैथी डॉक्टरों से कम वेतन और कोविड ड्यूटी के बावजूद प्रोत्साहन भत्ता न दिए जाने से नाराजगी
डेस्क
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा आयुष चिकित्सकों ने एलोपैथी डॉक्टरों से कम मानदेय दिए जाने के विरोध में लगातार दूसरी दिन काला फीता बांधकर प्रदर्शन किया। आयुष चिकित्सकों ने कहा कि कोविड ड्यूटी करने के बावजूद प्रोत्साहन भत्ता देने में सरकार ने उनके साथ भेदभाव किया है। इसी के विरोध में प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। यदि सरकार ने जोर-जबरदस्ती की तो सभी डॉक्टर होम आइसोलेशन पर जाने को मजबूर होंगे।
मेनस्ट्रीम आयुष डॉक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र योगी ने बताया कि वर्तमान में आयुष चिकित्सकों का मानदेय ४० हजार रुपये है। जबकि एलोपैथी चिकित्सकों को ७० हजार रुपये प्रतिमाह है। वहीं राज्य सरकार के अधीन एमओसीएच संविदा आयुष चिकित्सकों का मानेदय ६० हजार रुपये प्रतिमाह है। लेकिन एनएचएम आयुष चिकित्सकों को मानदेय उनके पद के अनुसार नहीं दिया जा रहा है।
प्रदेश महामंत्री निमेष शुक्ला ने कहा कि कोरोना महामारी में आयुष चिकित्सक फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर के रूप में स्क्र्रीनिंग, सैम्पलिंग, मरीजों को होम आइसोलेशन में मेडिसिन किट देने के साथ मरीज के स्वास्थ्य का हाल-चाल लेना, रैपिड रिस्पांस टीम, कांटैक्ट ट्रेसिंग, इंट्रीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर में ड्यूटी कर रहा है। इस दौरान कई आयुष चिकित्सकों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। वहीं कई चिकित्सक संक्रमित होकर बीमार पड़े हैं।
डॉ. योगी ने बताया कि ११ वर्षों से पूर्ण निष्ठा व ईमानदारी से करने के बावजूद भी सरकार की उपेक्षा से आयुष डॉक्टर रोष में हैं। संघ ने मांग की है कि सभी एनएचएम संविदा आयुष डॉक्टरों को २५ प्रतिशत प्रोत्साहन भत्ता, ५० लाख कोविड बीमा राशि का समय से भुगतान हो, वेतन विसंगति दूर हो। आयुष डॉक्टर और उनके परिवार को फ्री स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा मिले। ट्रांसफर नीति फिर से शुरू हो। कोविड शहीद मृतक आश्रित को नौकरी मिले।