दो साल से की जा रही थी एप की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग
डेस्क।
लखनऊ। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) से जुड़े कर्मचारियों-डॉक्टरों को अब एप (APP) से अटेंडेंस (Attendance) नहीं लगानी होगी। नेशनल हेल्थ मिशन (National Health Mission) ने आरबीएसके कर्मचारियों की एप से अटेंडेंस लगाने की बाध्यता खत्म कर दी है। बीते दो सालों से एप की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग की जा रही थी। आरबीएसके कर्मचारी संघ को प्रदेश अध्यक्ष डॉ. आनंद प्रताप सिंह ने आदेश के लिए मिशन निदेशक और महाप्रबंधक आरबीएसके को धन्यवाद दिया है।
तकनीकी कारणों से उपस्थिति दर्ज कराने में होती थी असुविधा
डॉ. आनंद प्रताप सिंह ने मंगलवार को बताया कि एप के कारण कई कर्मचारियों को अपनी उपस्थिति तकनीकी कारणों से दर्ज कराने में असुविधा होती थी. जिससे उनका वेतन (salary) भी कट जाता था। यह आदेश कर्मचारियों के लिए राहत देगा। उन्होंने कहा कि बाल स्वास्थ्य का कार्य कोरोना संक्रमण कम होने के साथ दोबारा शुरू हो रहा है। ऐसे में कर्मचारियों से जरूरी कार्यों केअतिरिक्त अन्य कार्य ना लिए जाने के निर्देश जारी किए जाएं। उन्होंने एनएचएम (NHM) कर्मियों को दुर्घटना बीमा, अर्जित व चाइल्ड केयर अवकाश देने का आग्रह किया है।
दुर्घटना बीमा भी देने की मांग
डॉ. आनंद प्रताप सिंह ने बताया कि RBSK कर्मचारियों को आंगनबाडिय़ों व स्कूलों में कोविड के दौरान रैपिड रिस्पॉन्स टीम (Rapid Response Team) के रूप में गांव-गांव जाना पड़ता है। इसके लिए दिए गए ज्यादातर वाहनों की स्थिति भी ठीक नहीं रहती है। इसलिए दुर्घटना बीमा (Accidental Insurance) एक महत्वपूर्ण जरूरत बन गई है। महिला कर्मचारियों को बाल्य देखभाल अवकाश का लाभ ना दिया जाना मातृत्व व पारिवारिक जिम्मेदारियों के हनन जैसा है।
मध्य प्रदेश की तरह प्रदेश में मिले अर्जित अवकाश
मीडिया प्रभारी डॉ. रणवीर सिंह ने मध्यप्रदेश एनएचएम (NHM) की तरह ही 15 दिनों केअर्जित अवकाश को उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में भी लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी अपना पूरा योगदान प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में दे रहा है। इसके बावजूद उनके जीवन व भविष्य से संबंधित मुद्दों की अनदेखी कर्मचारियों में निश्चित रूप से निराशा को जन्म देगी।