काली पट्टी बांध कर किया सरकार का ध्यानाकर्षण, प्रोत्साहन भत्ते न देने को बताया भेदभाव
डेस्क
लखनऊ। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ व अन्य स्वास्थ्य संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में २५ मई को स्वास्थ्य कर्मचारियों ने काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन किया।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के आह्वान पर संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के समायोजन, अन्य विसंगतियों व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारियों के प्रति सरकार के तिरस्कारपूर्ण रवैये को देखते हुए स्वास्थ्य कर्मियों यह कदम उठाना पड़ा है। सरकार का ध्यानाकर्षण करने के लिए पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा कालीपट्टी बांध कर कार्य किया गया।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. आनंद प्रताप सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मंयक प्रताप सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि हमारा कर्मचारी अपने जान की बाजी लगाकर कोरोना से राष्ट्र व जनहित में जंग लड़ रहा है।
आयुष फार्मासिस्ट संघ के प्रदेश अध्यक्ष अम्मार जाफरी सरकार प्रोत्साहन भत्ते के रूप में दिए जा रहे २५ प्रतिशत से भी उसे वंचित रखना चाहती है। यही नहीं कर्मचारियों पर काम ना करने का आरोप लगाया जा रहा है।
डॉ. आनंद प्रताप सिंह ने कहा कि जब अन्य राज्यों में एनएचएम कर्मचारियों का समायोजन हो रहा है तो उत्तर प्रदेश सरकार इसके प्रति उदासीन क्यों है। स्वास्थ्य संगठनों ने सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए प्रदेशव्यापी सांकेतिक विरोध का रास्ता चुना है, जो पूरे प्रदेश में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को ०४ जून तक का समय दिया गया है। यदि मांगों मांगो पर कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं होती है तो संगठन अन्य कदम उठाने को बाध्य होंगे जिस की पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।