लखनऊ। सीएम योगी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि राजकीय मेडिकल कॉलेजों, चिकित्सा विवि और चिकित्सा संस्थानों में शैक्षणिक संवर्ग की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष निर्धारित है।\
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के नियमानुसार चिकित्सा शिक्षकों को सेवानिवृत्ति के बाद 70 वर्ष तक संविदा पर तैनात किया जा सकता है। इसी को देखते हुए प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों से सेवानिवृत प्रोफेसरों को 2.20 लाख रुपये प्रतिमाह पर दोबारा नियोजित किए जाने की व्यवस्था की गई है।
सेवानिवृत्त प्रोफेसर को 2.20 लाख प्रतिमाह
सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि सुपर स्पेशिएलिटी विभागों में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए रिटायर प्रोफेसरों को संविदा पर रखने के फैसले की मुहर लगा दी गई है। प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में चार मेडिकल कॉलेजों में बन रहे सुपर स्पेशिएलिटी ब्लॉक, सीजी सिटी में कैंसर संस्थान और बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में बने 500 बेड के बाल चिकित्सालय में सेवानिवृत्त प्रोफेसर को 2.20 लाख प्रतिमाह मासिक वेतन के आधार पर नियुक्त किया जाएगा।
कहां कितने पद सृजित
प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में छह पुराने और 7 नए राजकीय मेडिकल कॉलेज हैं। इन मेडिकल कॉलेजों में 1844 चिकित्स शिक्षक के पद सृजित हैं। इसके सापेक्ष 878 नियमित और 371 संविदा चिकित्सा शिक्षक कार्यरत हैं। जबकि 595 पद खाली हैं। नए बने 7 राजकीय मेडिकल कॉलेजों में इनमें से चिकित्सा शिक्षकों के कुल 660 पद सृजित हैं। इसके सापेक्ष 218 नियमित व 127 संविदा चिकित्सा शिक्षक कार्यरत हैं। नए मेडिकल कॉलेजों में 315 पद रिक्त हैं। इनमें 151 पद प्रोफेसर के सृजित हैं। इन प्रोफेसर के पद के सापेक्ष 25 नियमित व 24 संविदा चिकित्सा शिक्षक कार्यरत हैं। कुल 102 पद रिक्त है। प्रदेश में आगरा, कानपुर, इलाहाबाद, मेरठ, झांसी, गोरखपुर में पुराने और सात नए राजकीय मेडिकल जालौन, कन्नौज, आजमगढ़, अंबेडकरनगर, सहारनपुर, बांदा और बदायूं हैं।