लखनऊ। अगर आप भी अपने बच्चों के तेज दिमाग के लिए बादाम दे रहे हैं तो संभल जाइए। ऐसा करना बच्चे को खतरे में डाल सकता है। अक्सर लोग तेज दिमाग और अच्छी सेहत के लिए बच्चों को बादाम का सेवन कराते हैं। इसके अलावा दाल और राजमा भी खतरनाक है। क्योंकि इसमें मौजूद तांबा शरीर के लिए घातक है। क्योंकि कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो इन्हें जल्दी पचा नहीं पाते और इसके बाद यह ‘विल्सनÓ नाम की बीमारी के शिकार हो जाते हैं।
लीवर की गंभीर बीमारी
इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से बच्चों की आंख लीवर और दिमाग में तांबा इक_ा हो जाता है। इससे लीवर की गंभीर बीमारी हो जाती हैं। यह खुलासा राजधानी के पीजीआई पीडियाट्रिक गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के शोध में हुआ है।
यह होता है
पीडियाट्रिक गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के डॉ. मोनिक सेन शर्मा ने पांच से 16 साल के 85 बच्चों पर शोध किया है। डॉ. मोनिका बताते हैं कि पीलिया होने पर लिवर पर असर पड़ता है। पेट में पानी आ जाता है। खाने के साथ शरीर में छह तरह के तत्व पाए जाते हैं। इन्हें लिवर पचाता है। पर, बीमारी के कारण लिवर तांबे को पचा नहीं पाता है। शरीर में हार्मोंन बनाने वाले एड्रिनल ग्रंथियां खराब हो जाती हैं। यह ग्रंथि गुर्दों के ठीक ऊपर पाई जाती हैं। इन ग्रंथियों के खराब होने से शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन का निर्माण प्रभावित होता है।
यह है विल्सन रोग
1. विल्सन रोग एक दुर्लभ अनुवांशिक विकार है, यह स्थिति आपके लिवर, मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण अंगों में कॉपर की मात्रा अधिक होने के कारण बनती है। अमूमन इस विकार के लक्षण 12 से 23 वर्ष की आयु के बीच ही शुरू होते हैं।
2. हमारी स्वस्थ नसें, हड्डियों, मज्जा और त्वचा पिगमेंट मेलेनिन के विकास में कॉपर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आम तौर पर हम कॉपर को अपने भोजन से प्राप्त कर सकते हैं या इसको लिवर से बनने वाले पदार्थ यानि की पित्तरस के माध्यम से भी लिया जा सकता है।
3. लेकिन विल्सन रोग से पीडि़त लोगों के शरीर से कॉपर बाहर नहीं आ पाता हैं और जमा होता रहता है, जो हमारी जिदंगी के लिए खतरा पैदा करता है। शुरुआती दौर में विल्सन रोग का पता लगने पर इसका इलाज किया जा सकता है। आज लिवर के विकार सें पीडि़त कई व्यक्ति सामान्य जीवन जी रहें हैं।
विल्सन रोग के लक्षण
– थकान
– पेट में दर्द
– भूख की कमी
– आसानी से खरोंच की प्रवृत्ति
– पैर या पेट में तरल पदार्थ का निर्माण
– भाषण, निगलने या शारीरिक समन्वय के साथ समस्याओं
– अनियंत्रित आंदोलनों