लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उन्नाव बलात्कार पीडि़ता के साथ रायबरेली हुये हादसे की जांच भले की केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की सिफारिश कर दी हो लेकिन राजनीतिक दलों ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ कार्रवाई के लिये मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस ने मंगलवार को भाजपा कार्यालय का घेराव किया। उन्नाव दुष्कर्म कांड की पीड़ित के परिवार के सदस्य मंगलवार को सुबह किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रामा सेंटर के बाहर धरना पर बैठ गये। इन्होंने रायबरेली जेल में बंद चाचा के खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर वापस लेने और उन्हें पैरोल पर रिहा करने की मांग की।
पीड़ित की बहन का आरोप
पीड़ित की बहन ने आरोप लगाया कि आरोपित भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की ओर से लगातार उनके परिवार को धमकियां दी जा रही हैं। मुकदमा वापस लेने के लिए पूरे परिवार को जान से मारने की साजिश रची गई है। इसीलिए चाचा को भी मुकदमा दर्ज कराते हुए जेल भेज दिया गया।
विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक सड़के हादसे में उन्नाव बलात्कार पीडि़ता तथा उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गये थे जबकि उसकी चाची तथा मौसी की मृत्यु हो गयी थी। पीडि़ता के परिजनों का राजनीतिक दलों ने इसका आरोप सीतापुर जेल में बंद भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर लगाया था। राजनीतिक दलों ने भाजपा से विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
अंतिम संस्कार के लिए एक दिन की पैरोल
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उन्नाव रेप पीडि़ता के चाचा महेश सिंह को कथित सड़क दुर्घटना में मृत अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार के लिए एक दिन की पैरोल की मंजूरी दे दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति मोहम्मद फैज आलमखां की पीठ ने पीडि़ता के चाचा महेश सिंह की ओर से दायर पैरोल की अर्जी पर दिए है। अदालत ने जेल, पुलिस एवं जिला प्रशासन को आदेश दिया है कि बुधवार को उसे रायबरेली जेल से पूरी सुरक्षा में अंतिम संस्कार के लिए गंगाघाट उन्नाव ले जाया जाए और अंतिम संस्कार के बाद 31 जुलाई को ही वापिस रायबरेली की जेल में दाखिल किया जाए।