नई दिल्ली। झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराना एक महिला को भारी पड़ गया। जानकारी के अभाव में महिला का मर्ज नासूर बन गया। जब महिला इलाज के लिए एम्स में पहुंची तब मामला सामने आया। महिला की हड्डी टूट गई थी। अब वह मायोसाइटिस ओसिफिकेन्स से पीडि़त हो गई है। यह बीमारी दुनियाभर में 10 लाख लोगों में किसी एक व्यक्ति को होती है।
हाथ की नर्व को नुकसान पहुंचने का खतरा
महिला अब कोहनी से बाजू सिर्फ 15 डिग्री तक ही घुमा पाती है। एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि उसकी सर्जरी जोखिम भरी होगी। उसके हाथ की नर्व को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ गया है। एक्सरे से पता चला है कि महिला के हाथ की हड्डी टूटी थी, लेकिन समय पर सही इलाज नहीं मिलने से मर्ज बेहद गंभीर हो गया है।
हाथ की देर तक मालिश की और ठंडा लेप लगाया
गुरुग्राम की रहने वाली 45 वर्षीय रीता (बदला नाम) शाम को स्कूटी से बाजार के लिए निकली थी। रास्ते में स्कूटी का संतुलन बिगड़ जाने से वह गिर गई और हाथ में चोट आ गई। वह पास में ही झोलाझाप डॉक्टर के पास पहुंची। उसने हाथ की देर तक मालिश की और ठंडा लेप लगा दिया। कोहनी मोडऩे में परेशानी होने पर एम्स पहुंची तो पिछले सप्ताह उसे बीमारी की गंभीरता का पता चला।
हड्डी की तरह बढऩे लगी मांसपेशी
एम्स के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अरुण पांडे ने बताया कि महिला के हाथ का एक्सरे किया गया तो पता चला कि हड्डी टूटी है और वह मायोसाइटिस ओसिफिकेन्स से पीडि़त है। हड्डी टूटने के बाद लंबे समय तक मालिश और देसी इलाज की वजह से महिला की मांसपेशियों में कैल्सियम जमा होने लगा और उसकी मांसपेशियां हड्डी की तरह बढऩे लगीं। इस वजह से महिला अपनी बाजू को हिलाने में असमर्थ महसूस कर रही है। एम्स के डॉक्टर अरुण पांडे ने कहा, मायोसाइटिस ओसिफिकेन्स में मांसपेशी के ऊतक हड्डियों की तरह बढऩे लगते हैं। हड्डी की चोट लगने पर कभी भी उसकी मालिश न करें।
यह करें
1. यदि किसी कारण से हड्डी में चोट लग जाए तो सबसे पहले उस हिस्से को हाथों से सहारा दें और हिलने न दें। हड्डी के हिलने से उसके टुकड़े होने की आशंका बढ़ जाती है।
2. कंधे, हाथ, पैर जैसे हिस्सों कि हड्डी के टूटने व फ्रैक्चर होने पर उसे किसी कपड़े या पट्टे से बांध कर सहारा दे।
3. घुटना, जांघ या पैर की हड्डी के टूटने और फ्रैक्चर होने पर किसी सख्त तकिए या लकड़ी का इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि परिस्थिति ऐसी है कि आपको हड्डी टूटने और चोट लगने पर सहारा देने के लिए कोई चीज न दिखे, तो अपने हाथों से ही सहारा दें, जिससे हड्डी के वापस जुडऩे की संभावना बनी रहे।
इससे बचें
1. हड्डी की चोट लगने पर मालिश कभी न करें। अगर हो सके तो तुरंत बर्फ से सिकाई कर लें।
2. हड्डी या मांसपेशी की चोट लगने पर कभी भी अप्रशिक्षित डॉक्टर को न दिखाएं। यह गंभीर हो सकता है।
3. हड्डी में चोट या फ्रैक्चर होने पर सबसे महत्वपूर्ण होता है कि उसे और चोटिल होने से बचाएं।
4. टूटी हड्डी में उस अंग को हिलाने पर सबसे अधिक चोट लगने की संभावना होती है।
5. प्रभावित अंग को नीची करके न रखें। जहां तक संभव हो उसे सहारे के साथ ऊंचा उठाकर रखें।
6. डॉक्टर को दिखाने में देर न करें, जितनी जल्दी हो इलाज शुरू करें।