लखनऊ। मानसिक रोगियां की बढ़ती संख्या को लेकर बुधवार को राम मनोहर लोहिया अस्पताल के निदेशक डॉक्टर डीएस नेगी ने ‘मन कक्ष’ का शुभारंभ किया। इस कक्ष के होने से मरीजों को अब और भी ज्यादा सहूलियत मिलेगी।
गौरतलब है कि मानसिक रोगी अक्सर डॉक्टरों से मिलने में झिझकते हैं। अब यहां मन कक्ष रोगियों के झिझक को दूर करने के लिए मददगार साबित होगा। बता दें कि तनाव, उलझन, घबराहट आदि भी मानसिक रोग की श्रेणी में आते हैं।
दो काउंसलर की तैनाती
मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. देवाशीष शुक्ला ने बताया कि मन कक्ष में मरीजों के लिए दो काउंसलर प्रियंका और कल्याणी की तैनाती की गई है जो मानसिक रोगियों की दिमागी स्तर का पता लगाएंगी और काउंसलिंग करेंगी।
बच्चों के लिए काउंसलर
यहीं नहीं मन कक्ष में बच्चों की मानसिक समस्याओं के लिए काउंसलर की तैनाती है। ये काउंसलर बच्चों की मनोदशा को समझने और पढऩे की खास महारथ हासिल है। प्रियंका बताती हैं कि बच्चों में चिड़चिड़ापन बढ़ जाए, बच्चा गुमसुम रहने लगे तो परिजनों को सावधान हो जाना चाहिए। परिजनों को तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। काउंसलर कल्याणी ने कहा कि समय पर इलाज व काउंसलिंग से समय के साथ काफी हद तक बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है।
सप्ताह में सभी दिन चलेगी
मन कक्ष में मानसिक रोगियों का इलाज हर दिन किया जाएगा। डॉ. देवाशीष ने कहा कि शादी ब्याह के बाद अक्सर निजी जिंदगी में तमाम दिक्कतें आती हैं। जिसे मरीज इन्हें बताते नहीं बल्कि छुपाते हैं। ऐसे लोगों के लिए मन कक्ष बेहतर साबित होगा और उचित सलाह ले सकते हैं।