लखनऊ। देश से 2025 तक टीबी को मुक्त करने के क्रम में सरकार ने एक और अहम फैसला लिया है। अब टीबी के मरीज को दो साल की जगह सिर्फ 11 माह ही दवा का सेवन करना होगा। सरकार ने इसे लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। टीबी जैसी गंभीर बीमारी से लडऩे के लिए नई दवा ईजाद की गई है।
नई गाइडलाइन होगी जारी
सरकार इसे पूरी तरह से मुफ्त उपलब्ध कराएगी। टीबी के नए मरीजों की सेहत सुधारने के लिए डॉट प्रोवाइडरों की भी नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए जल्द ही इलाज की नई गाइडलाइन शुरू कर दी जाएगी। गाइडलाइन के तहत टीबी के इलाज के तरीके को बदलने और प्रथम चरण की दवाओं को कम किए जा सकता है।
कोई खास असर नहीं
टीबी उन्मूलन के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। रोगियों को अच्छी दवा व समय से दवा देना, उन्हें घर पर ही दवा खिलाने से लेकर आर्थिक सहायता तक दी जा रही है। लेकिन इन सबके बाद कोई खास असर नहीं नजर आता। एमडीआर के रोगियों की संख्या भी काफी है। इन पर प्रारंभिक दवाएं बेअसर हैं।
एंटीबायोटिक का इस्तेमाल कर रहा नुकसान
आमतौर पर छोटी बीमारी या मौसमी संक्रमण के दौरान लोग बिना डॉक्टर की सलाह लिए मेडिकल स्टोर से एंटीबायोटिक दवाएं लेते हैं। इससे आगे चलकर उन्हें टीबी का संक्रमण होने का खतरा रहता है। हालांकि, प्रारंभिक चरण की एंटीबायोटिक दवाएं बेहतर हो रही हैं। इन दवाओं में क्यूनोलोन, लिवोफ्लोक्सासिन, मॉक्सीफ्लॉक्सासिन आदि शामिल हैं।
मरीजों को मिलेगी नई दवा
डॉक्टरों के मुताबिक, टीबी के इलाज में पीडिएट्रिक दवाएं खास असर नहीं करती हैं। ऐसे में कुछ पीडिएट्रिक दवाएं बंद की जा सकती हैं। इनकी जगह नई दवाएं लांच की जाएंगी। बदलाव के तहत एमडीआर टीबी के मरीजों को नई दवा बीडाकुलीन मिलेगी। इसके अलावा कैटेगरी-1 और कैटेगरी-2 के मरीजों के लिए भी नई दवाइयां ईजाद हो चुकी हैं। इनके आने के बाद इन श्रेणियों के मरीजों का इलाज की अवधि भी काफी कम हो जाएगी। रोगियों को दवा उनके घर पर जाकर ही खिलाई जाएगी। चिकित्सकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। सरकार इस दवा को मुफ्त में उपलब्ध कराएगी। मरीज समय पर दवाई लें, इसका ध्यान रखने के लिए डॉट प्रोवाइडरों की नियुक्ति की जाएगी।
संक्रमण का खात्मा
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर आनंद कुमार का कहना है कि नई गाइडलाइन में इलाज का तरीका पूरी तरह से बदल जाएगा। रोगियों में दवाओं के असर की समस्या दूर होगी। इससे संक्रमण का खात्मा होगा।
सभी के लिए नहीं होगी दवा
बीडाकुलीन दवा सभी मरीजों के लिए नहीं होगी। यह दवा सिर्फ उन मरीजों को उपलब्ध कराई जाएगी, जिनपर किसी अन्य दवा का असर नहीं हो रहा। पुरानी दवा से रोगी को कम से कम दो साल इंतजार करना पड़ता था। वहीं, इस दवा के आ जाने से यह समय सीम घटकर 11 माह रह जाएगी।