लखनऊ। चिकित्सा जगत में नित नए रिसर्च किए जा रहे हैं। इलाज और ऑपरेशन की नित नई तकनीक विकसित की जा रही है जिस पर रिसर्च चल रहे हैं। इसी क्रम में यहां लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में शनिवार को ‘इनोवेशन इन मेडिकल टेक्नोलॉजी’ पर आयोजित सेमिनार में मंथन किया गया। इस कार्यक्रम में चिकित्सा विशेषज्ञों ने इंजीनियरों के साथ अपने-अपने अनुभव साझा किए साथ ही 9 महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।
इन पर की चर्चा
इस मौके पर आइआइटी कानपुर, एकेटीयू व लोहिया संस्थान व पीजीआई के डॉक्टरों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर डॉक्टरों ने इंजीनियरों के साथ न सिर्फ अस्पताल की अपितु मरीजों की आवश्यकताओं और तीमारदारों को होने वाली सुविधाओं पर भी चर्चा की। साथ ही अपने सुझाव में कहा कि सुविधाओं के लिए आगे अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
सुलभ इलाज का विकल्प मुहैया कराएंगे
इस अवसर पर डॉक्टरों ने कहा कि हम चिकित्सक और इंजीनियर एक-दूसरे के सहयोग से देश को सस्ते और सुलभ इलाज का विकल्प मुहैया कराएंगे। इस दिशा में हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। इसके लिए चिकित्सा व इंजीनियरिंग संस्थानों ने मिलकर काम करना भी शुरू कर दिया है। इसी क्रम में आइआइटी कानपुर ने एक नई फोटोथेरेपी डिवाइस तैयारी की है। वहीं बताया गया कि भविष्य में यूवी प्लेट बनाने का लक्ष्य है, यह घर पर ही नवजात बच्चों की पीलिया दूर करने में मददगार बनेगी।
टॉप थ्री आइडिया का चयन किया
इस दौरान आइआइटी कानपुर के डॉ. एस गणेश, डॉ. जे रामकुमार, आआइएम लखनऊ के डॉ. डी सेंगर, लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी, एकेटीयू के कुलपति डॉ. विनय त्रिपाठी ज्यूरी सदस्यों ने टॉप थ्री आइडिया का चयन किया। इसमें एक यूवी प्लेट विकसित करने की आवश्यकता जताई। आइआइटी कानपुर के इंजीनियर अब इस मेडिकल डिवाइस बनाने का कार्य करेंगे। फोटोथेरेपी का ट्रायल जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर में हुआ। यहां मेडिकल एथिक्स कमेटी ने हरी झंडी दे दी है। एक कंपनी से नो प्रॉफिट-नो लॉस पर करार किया गया है।
यूवी प्लेट से ऐसे होगा इलाज
कार्यक्रम में लोहिया संस्थान के डॉ. विक्रम सिंह ने कहा कि आज के समय में प्री-मेच्योर बच्चों का जन्म काफी संख्या में हो रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों में जन्म के वक्त 50 फीसदी बच्चे पीलिया के शिकार होते हैं। ऐसे बच्चों को एनआइसीयू में फोटोथेरेपी मशीन पर रखा जाता है। इस मशीन से निकलने वाली अल्ट्रॉ वायलेट (यूवी) किरणों की डोज से बच्चों की पीलिया दूर की जाती है। वहीं अब एक यूवी प्लेट विकसित की जाएगी। यह प्लेट एक स्टैंड में लगी होगी। इस स्टैंड में बच्चे को शिफ्ट कर धूप में रख दिया जाएगा। वहीं प्लेट पर सूरज की रोशनी पड़ेगी। इससे यूवी किरण छनकर बच्चे के शरीर में जाएगी।
तैयार की नई फोटोथेरेपी डिवाइस
कार्यक्रम को आईआईटी कानपुर के केमिकल इंजीनियर डॉ. राजकुमार ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि केजीएमयू के साथ मिलकर एक नई फोटोथेरेपी डिवाइस तैयार की गई है। यह डिवाइस पीलिया से ग्रस्त नवजात के इलाज में अधिक मददगार साबित होगी। इसके पहले फोटोथेरेपी एक सेंट्रल फोकल लाइट बेस्ड होती थी। वहीं नई यूनीफॉर्म डिस्ट्रीब्यूशन इंटेंनसिटी बेस है। इसमें यूवी लाइट नवजात के पूरे शरीर पर पड़ेगी। ऐसे में बच्चे का पीलिया शीघ्र ठीक होगा। यह सस्ती और कारगर साबित होगी।