डेेस्क। क्या आप आंबा हल्दी के बारे में जानते हैं। यह उस हल्दी से बिल्कुल अलग होती है जो हम रोज इस्तेमाल करते हैं। यह कर्कुमा जेड़ओरिया नाम के पौधे की जड़ होती है। सफेद हल्दी में कई तरह के तत्व पाए जाते हैं जिसमें टियांन, स्टार्च, कक्र्यूमिन, चीनी, सैपोनिन, रेजिन और फ्लेवोनोइड शामिल हैं।
ये हैं फायदे
सफेद हल्दी में एंटी इन्फ्लैमटॉरी गुण होते हैं जिससे सूजन, घाव और त्वचा रोग का इलाज करने में मदद मिलती है। सफेद हल्दी में किसी भी तरह के संक्रमण को रोकने की छमता होती है जैसी कि अगर किसी व्यक्ति को बुखार हो रहा है तो उसे सफेद हल्दी खिलाएं इससे उसका बुखार उतर जाएगा। इसमें ऐन्टीमाइक्रोबीअल गुण होते हैं जिससे ई-कोली, एसएयरस, कॉर्न, बैक्टीरियम, कैंडिडा एसपीए और एस्परगिलस एसपी जैसे कीटाणु को खत्म किया जा सकता है। यह सारे बैक्टीरिया मुंह के द्वारा पेट में जाते हैं और व्यक्ति को बीमार कर देते हैं। अगर किसी के शरीर में खुश्की हो तो सरसों के तेल में सफेद हल्दी को मिलाकर शरीर पर उसकी मालिश करने से लाभ होता है। हल्दी और हींग दोनों पीसकर जरा सा पानी डालकर गोली बना लें और दुखते दांत के नीचे रखकर दबा लें। इससे दांत का दर्द ठीक हो जायेगा। यही नहीं आप सफेद हल्दी को दांतों पर मंजन भी कर सकते हैं इससे मसूड़ों से खून आना बंद होजाता है। सफेद हल्दी की जड़ को पेट में बन रही असिडिटी को खत्म करने में कारगर माना गया है। इसीलिए यह पेट के अल्सर को भी होने से रोकती है।
यह शरीर में जहर को फैलने नहीं देता है। यहां तक कि सांप अगर काट ले तो उसमें सफेद हल्दी का प्रयोग करना चाहिए। इसमें पाए जाने वाले करकुमीन को जब सिसप्लाटिन दवा में मिलाया जाता है तो इससे सिर और गले के कैंसर का इलाज ज्यादा असरकारक हो जाता है। सफेद हल्दी में पाए जाने वाले तत्व करक्यूमिन से ‘आंत के कैंसर से पीडि़त मरीजों को राहत मिल सकती है। सफेद हल्दी कीमोथेरेपी के बुरे असर को कम करने में मददगार हो सकती है। सफेद हल्दी खाने से शरीर का ब्लड शुगर लेवल कम रहता है।
सफेद हल्दी से महिलाओं को होने वाली कई समस्याओं का इलाज किया जा सकता है जैसे लेकुरिया, मासिक धर्म के दौरान दर्द को दूर करना और मासिक धर्म को नियमित करना। सफेद हल्दी खाने से पेट में बन रही गैस जल्द ठीक होती है। यही नहीं इसे खाने से अपच ऐंठन भूख ना लगना, पेट में कीड़े होना, पेट फूलना, अनियमित मल त्याग और अल्सर जैसी बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। अगर किसी को शरीर में कफ की शिकायत रहती है तो उसे फेफड़ों से संबंधित बीमारी होगी। क्योंकि शरीर में कफ जमा होने से सांस लेने में दिक्कत होती है जिससे सर्दी खांसी और अस्थमा की शिकायत रहती है।