लखनऊ। केजीएमयू में मरीजों को बाहर की दवा लिखे जाने का मामला सामने आया है। यह कारनामा दंत संकाय के रेजीडेंट डॉक्टर कर रहे हैं। यही नहीं रेजीडेंट डॉक्टरों ने मरीजों की सहमति का हस्ताक्षर कराकर बाजार की दवाएं लिखी हैं। यह दवा एक खास कंपनी की लिखी जा रही है। गौरतलब है कि चौक स्थित कुछ चुनिंदा दुकानों पर ही महंगी दवाइयां उपलब्ध हैं। कैंसर सहित अन्य दूसरी घातक बीमारियों से पीडि़त मरीज भी परेशान हैं।
यह है खेल
मरीजों की शिकायत के बाद भी अस्पताल की दवाएं रेजीडेंट नहीं लिख रहे हैं। इसी तरह दंत संकाय के दूसरे विभागों में महंगे इम्पलांट लिखे जा रहे हैं। हालात यह है कि कंपनी के दलाल इम्प्लांट की सप्लाई कुछ विभागों में आकर कर रहे हैं। डॉक्टरों से सांठगांठ कर मरीजों से सौदेबाजी करते हैं जो इम्प्लांट मरीज को दो से पांच हजार में मिलना चाहिए। दलाल उसे 10 से 15 हजार रुपये में बेच रहे हैं।