डेस्क। क्या आपको भी फूड प्वॉइजनिंग की समस्या होती है। हम आपको बता दें यह होता कैसे है। जब हम खाना खाते हैं तो शरीर में जब बैक्टीरिया आदि प्रवेश कर जाते हैं तो ऐसे में फूड प्वॉइजनिंग की समस्या जन्म लेती है।
अक्सर यह तब होता है जब हमारी रोग प्रतिरोध क्षमता कमजोर हो जाती है। इससे बचने के लिए हमें अपने खान-पान तथा इससे संबंधित चीजों को लेकर बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। इसके लिए भोजन को खुले में रखने से बचना चाहिए। गंदे पानी का इस्तेमाल भोजन बनाने के लिए नहीं करना चाहिए। अगर किसी वजह से आपको फूड प्वॉइजनिंग हो गई हो तो आप इन प्राकृतिक उपचारों की सहायता से उसका इलाज कर सकते हैं।
पाचन तंत्र की हर समस्या के लिए अदरक का सेवन किया जा सकता है। फूड प्वॉइजनिंग से निजात पाने के लिए अदरक की चाय बेहद लाभकारी है। इसे बनाने के लिए अदरक चूर्ण या फिर कच्चे अदरक को कूचकर इस्तेमाल किया जा सकता है। अदरक आंतों में उन बैक्टीरियाओं को पैदा होने से रोकने में मदद करता है जो फूड प्वॉइजनिंग के लिए जिम्मेदार होते हैं।
जीरा खाने को सुगंधित और स्वादिष्ट बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हर रोज एक चम्मच जीरे को पीसकर खाने में इस्तेमाल करने से फूड प्वॉइजनिंग से राहत मिलती है। इसके अलावा यह आंतों में होने वाली सूजन को भी ठीक करने में मददगार हैं।
डायरिया और कब्ज के इलाज में केले का इस्तेमाल बेहद लाभकारी होता है। यह पाचन में आसान होता है और गुदा की चिकनाई में मदद करता है। केले के सेवन के दौरान इस बात का ध्यान जरूर रखें कि दो से ज्यादा केले खाने से डायरिया बढ़ भी सकता है।
खूब पानी पीना ज्यादा फायदेमंद होता है। यह न सिर्फ शरीर में विषाक्त तत्वों की सांद्रता कम करता है बल्कि शरीर पर इनके पडऩे वाले दुष्प्रभावों से भी बचाने का काम करता है।
सेब खाना फूड प्वॉइजनिंग में काफी राहत लेकर आता है। सेब सीने में जलन को कम करता है तथा उन बैक्टीरिया को पनपने से रोकता है जो फूड प्वॉइजनिंग के कारक होते हैं।