लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से देश भर में देश भर में समाज को उद्यमिता से जोडऩे के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण व कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। इसके तहत विभा वानी यूपी एवं ब्रज रानी ट्रस्ट द्वारा एसएचजी व एमएसएमई इकाइयों को टेक्नालॉजी के माध्यम से अपने उत्पादों कार्यों को और बेहतर तरीके से करने को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएफटीआरआई) के चिनहट स्थित कार्यालय में हुई।
पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को दिया प्रशिक्षण
कार्यशाला में डॉ. पीपी गोथवाल ने कहा कि सीएफटीआरआई, एसएचजी को हर संभव मदद मुहैया कराएगी। यूपीएसआरएलएम परियोजना प्रबन्धक आचार्य शेखर ने कहा कि यूपी के गांवों को बदलने के लिए 2.5 लाख महिला स्वयं सहायता समूह विभा वाणी व बृजरानी मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट सामूहिक संगठनों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिनके जरिए देश भर में समाज को उद्यमिता और वैज्ञानिक सोच से जोडऩे का अभियान चला रही है। एक दिवसीय कार्यशाला में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के पदाधिकारियों के साथ ही 25 सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं प्रशिक्षण प्राप्त किया।
इन्होंने यह दी जानकारी
सीएफटीआरआई के वैज्ञानिक डॉ महजबीन खान और डॉ जेपी ठाकुर ने रेडी टू ईट मिक्स प्रोडक्ट्स के साथ ही स्वास्थ्यवर्धक उत्पादों की सस्ती और आसानी से स्थापित की सकने वाली तकनीकों की जानकारी दी। कार्यशाला मे प्रशिक्षण के साथ ही प्लांट और मशीनरी से परिचित कराया गया। सीएफटीआरआई ने उद्यमियों के लिए 14 से अधिक तकनीकों को नि:शुल्क कर दिया है। डॉ. महजबीन खान ने बताया कि कोई भी समूह या उद्यमी अगर इनका उपयोग करता है तो सीएफटीआरआई इसका पूरा सहयोग देगी।
ये थे मौजूद
कार्यशाला मे उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के राज्य परियोजना प्रबंधक आचार्य शेखर ने कहा कि प्रदेश में ढाई लाख महिला स्वयं सहायता समूह ग्रामीण परिवेश में परिवर्तन लाने का प्रयास कर रहे हैं। कार्यशाला में प्रेरित समूहों को जल्द ही सीएफटीआरआई तीन दिवसीय प्रशिक्षण देगा सह घोषणा डॉ गोथवाल ने की। कार्यशाला में विभा वाणी से श्रेयास मडलोई, रमा तिवारी, देवेंद्र मिश्रा, राजकमल श्रीवास्तव व अन्य विशेषज्ञ शमिल थे।