लखनऊ। खाद्य पदार्थ एलर्जी एक आपातकालीन एलर्जी है जोकि आमतौर पर खाना खाने के कुछ क्षणों से दो घण्टों के भीतर हो जाती है और इस एलर्जी के लक्षण शरीर पर दिखने लगते हैं। इसके लक्षणों में जैसे अचानक खुजली होना, चकत्ते पडऩा, चेहरे व जीभ पर सूजन, जिसके कारण सांस लेने मे परेशानी होती है और बी.पी. (रक्तचाप) में कमी हो जाती है।
उक्त बातें प्रो. राजेन्द प्रसाद्र, डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन व विभागाध्यक्ष, पल्मोनरी मेडिसिन, एरॉज लखनऊ मेडिकल कालेज व पूर्व निदेशक वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंटिट्यूट दिल्ली ने
बचाव ही इसका पूर्ण इलाज
एरॉज लखनऊ मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में विश्व एलर्जी सप्ताह के दौरान 12 अप्रैल को कही। उन्होंने कहा कि यह अनुमान लगाया गया है कि खाघ पदार्थ से होने वाली एलर्जी से विश्व में तकरीबन 24 करोड़ (3 प्रतिशत) लोग पीडि़त हैं। खाद्य पदार्थ से होने वाली एलर्जी की पहचान के लिए मरीज से उसके खान-पान की पूरी जानकारी व उसके पूरे परिवार के सदस्यों में इसके लक्षण के होने के बारे में पूर्ण जानकारी लेनी चाहिए व इससे संबंधित कुछ जांचे करानी चाहिए जैसे स्किन प्रिक टेस्ट, स्पेफिक आईजीई इत्यादि। खाघ पदार्थों के सेवन से बचाव ही इसका पूर्ण इलाज है।
पाया जा सकता है बीमारी पर नियंत्रण
गंभीर एलर्जी की प्रतिक्रिया होने पर एड्र्लिन इंजेक्शन अपने निजी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर लगवाये। यह साबित हो चुका है कि इस रोग की पहचान जल्दी कर लेने से व उचित दवा के सेवन से बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इस उपलक्ष्य पर 100 से ज्यादा मरीज व उनके तीमारदार उपस्थित थे। इसके अलावा डॉ. आनंद वर्मा, डॉ. अनामिका वर्मा, डॉ. राहुल राठौर, पीजी छात्र भी मौजूद थे।