गुवाहाटी। योग दिवस की तैयारियां पूरे देश में हो रही हैं। लेकिन देश में कुछ इलाके ऐसे भी हैं जो योग को लेकर ज्यादा उत्साहित हैं। योग करने के लिए एक खास तरह की चटाई तैयार की गई है। यह खास इसलिए हैं क्योंकि यह चटाई पर्यावरण के अनुकूल है और जलकुंभी से तैयार की गई है। नार्थ ईस्ट डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (नेडफी) के प्रयास से राजधानी के बाहरी इलाके खेत्री में जलकुंभी से योग दिवस के लिए चटाई तैयार की गई है। खास बात यह है कि ये चटाइयां पर्यावरण के अनूकूल हैं। इसके साथ खर-पतवार से भी कई सजावटी सामान तैयार किए जा रहे हैं।
3500 से अधिक योग चटाई का निर्माण किया
नेडफी के उप प्रबंधक असीम कुमार दास ने बुधवार को बताया है कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मद्देनजर पर्यावरण के अनुकूल जलकुंभी से 3500 से अधिक योग चटाई का निर्माण किया गया है। नेडफी के खेत्री स्थित निर्माण केंद्र में 150 से अधिक बुनकरों ने इन चटाइयों का निर्माण किया है। इसमें 2500 चटाई का निर्माण खेत्री स्थित निर्माण केंद्र में हुआ है, जबकि 1000 चटाई का निर्माण नगांव, कोकराझार, माजुली और लखीमपुर धेमाजी आदि जगहों के असम स्टेट रूरल लाइवलीहुड मिशन सोसायटी (एएसआरएलएमसी) में तैयार कराकर मंगाया गया है। उन्होंने बताया कि योगा दिवस के लिए इन चटाइयों को गुवाहाटी समेत राज्य के कुल 219 ब्लॉकों में भेजा गया है।
नेडफी ने चटाइयों का कराया निर्माण
असीम कुमार दास ने बताया कि वर्ष 2012 में थाईलैंड से जलकुंभी से चटाई समेत अन्य सामग्री बनाने की पद्धति लाई गई थी। उन्होंने बताया कि पंचायत एंड रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट गवर्नमेंट ऑफ असम के अधीन असम स्टेट रूरल लाइवलीहुड मिशन सोसायटी की मांग पर नेडफी ने चटाइयों का निर्माण कराया है। सभी चटाई की पैकेजिंग खेत्री स्थित निर्माण केंद्र में हुई है।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा
नेडफी के उप प्रबंधक ने बताया कि यह कार्य एएसआरएलएम की स्टेट मिशन डायरेक्टर नंदिता हाजारिका के निर्देशन में हो रहा है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों, खासकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा मिल रही है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में इस कार्य को राज्य के और अधिक क्षेत्रों में फैलाया जाएगा, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों मुख्य रूप से महिलाओं की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाई जा सके।