लखनऊ। 25 दिसम्बर से लगातार चल रहा जनस्वास्थ्य रक्षकों का कारवां 3 जनवरी को शाहजहांपुर की सरहद में दाखिल हो गया। लगभग 300 किमी यात्रा कर चुके इस काफिले में शामिल कई जनस्वास्थ्य रक्षकों की हालत बिगड़ चुकी है और कइयों के पैर पैदल चलने और सर्दी की मार के कारण सूज गए हैं।
भीषण सर्दी में चल रही बुजुर्गों और महिलाओं की शारीरिक स्थिति भी चिंताजनक बताई जा रही है। आल इंडिया कम्युनिटी हेल्थ वर्कर्स एसो. के प्रदेश सचिव चरण सिंह यादव के अनुसार राष्ट्रीय महासचिव मनोज कुमार को इस समय तेज बुखार और सिरदर्द की शिकायत है। साथ ही वयोवृद्ध प्रदेश अध्यक्ष राम शरण झा की हालत भी ठंड के कारण नाजुक है।
लड़ाई आर-पार लडऩे को तैयार
इसके बावजूद जनस्वास्थ्य रक्षकों के हौसले बुलंद है और वे शासनादेश जारी होने की लड़ाई आर-पार लडऩे को तैयार हैं। राष्ट्रीय महासचिव मनोज कुमार ने कहा प्रदेश सरकार सभी जिलों में सरकारी ग्राउण्ड सर्वे कराने के बाद शासनादेश लाने में देरी कर रही है, इसलिए जनस्वास्थ्य रक्षकों को इस निवेदन मार्च निकालने की जरूरत पड़ी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष धनीराम सैनी ने कहा कि परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी की सैद्धांतिक सहमति मिलने के साथ ही मुख्यमंत्री भी इस बहाली के पक्ष में है और अब तो परिवार कल्याण निदेशालय द्वारा सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के माध्यम से ग्राउण्ड सर्वे भी पूरा कर लिया गया। तब बहाली के लिए शासनादेश यों लम्बित है यह समझ में नहीं आ रहा है।
स्थानीय स्तर पर की जा रही प्राथमिक चिकित्सा
शाहजहांपुर पहुंचे पर मार्च में शामिल बीमार जनस्वास्थ्य रक्षकों की प्राथमिक चिकित्सा स्थानीय स्तर पर की जा रही है। लखनऊ पहुंचे आजमगढ़ मण्डल प्रभारी विनय प्रकाश भारती ने इंडियन कॉफी हाउस मे΄ आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कई जनस्वास्थ्य रक्षकों के पैरों मे΄ बड़े छाले व घाव हो चुके हैं और ठंड के कारण पेट में दर्द और दस्त की समस्या से कई बुजुर्ग जनस्वास्थ्य रक्षक गंभीर स्थिति में पहुंच चुके हैं।