लखनऊ। पीजीआई कर्मचारियों की एम्स के बराबर भत्ते की मांग शुक्रवार को मरीजों के लिए मुसीबत बन गई। सुबह रजिस्ट्रेशन के लिए मरीजों और तीमारदारों की लम्बी लाइनें थी। सभी कर्मचारी संस्थान परिसर में स्थित प्लाजा में सरकार और पीजीआई प्रशासन के खिलाफ विरोध दर्ज कराया।
इन कर्मचारियों के साथ संस्थान के आफीसर्स फोरम के अधिकारी भी शामिल रहे। शाम करीब चार बजे पीजीआई प्रशासन के लिखित आश्वासन पर विरोध कर रहे कर्मचारियों ने 25 जनवरी तक हड़ताल टाल दिया है। वहीं कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सरकार ने यदि उनके मांगे नहीं मानी तो 28 जनवरी से हड़ताल दोबारा से करेंगे।
मरीजों को हुई काफी परेशानी
सुबह से ही संस्थान में आने वाले मरीजों को काफी परेशानी हुई। लाख मिन्नत करने के बाद भी कर्मचारियों का दिल नहीं पसीजा। नतीजतन मरीज इमरजेंसी से बिना इलाज वापस लौट गए। दूसरी ओर हड़ताल के मद्देनजर पीजीआई प्रशासन ने शुक्रवार सुबह से ही आउट सोर्सिंग कर्मचारियों को ओपीडी व भर्ती मरीजों के वार्ड में तैनात कर दिया। वहीं अनहोनी से निपटने के लिए पीजीआई प्रशासन ने परिसर में पुलिस व पीएसी बल तैनात कर दिया था। शासन व प्रशासन के अफसर भी संस्थान में पहुंच गये थे। कर्मचारियों की हड़ताल में संस्थान के डॉक्टर खुलकर सामने नहीं आये लेकिन उनका समर्थन रहा। जिसकी वजह से ओपीडी में कई विभागों के डॉक्टर देर से पहुंचे।
मरीजों की भर्ती नहीं, जांच भी नहीं
पीजीआई में कर्मचारियों की दिन भर चली हड़ताल के चलते सैकड़ों मरीज बिना इलाज के लौट गये। सीवीटीएस, पेट व न्यूरो सर्जरी समेत कई विभागों के करीब 15 मरीजों के ऑपरेशन टल गये। ओपीडी में डॉक्टरों ने हड़ताल के चलते नये मरीजों को भर्ती करने से मनाकर दिया। तकरीबन 150 से ज्यादा मरीज इण्डोस्कोपी, एंजियोग्राफ्री, एक्स-रे और खून की जांच भी नहीं हो पाई। इस हड़ताल में रेजीडेंट डॉक्टरों ने मोर्चा संभाल रखा था। सीवीटीएस, पेट, नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी समेत कई विभागों के सैकड़ों मरीज बिना इलाज लौट गये। सुबह से खाली पेट बैठे दर्जनों मरीज बाद बिना जांच के लौट गये। संस्थान में पूरे दिन आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने मोर्चा संभाले रखा।
सारा काम आउट सोर्सिंग कर्मचारी देख रहे थे। ओपीडी नये नियमित कर्मचारियों के न होने से मरीजों को जानकारी के लिए काफी भटकना पड़ा। पीजीआई के 2600 कर्मचारियों में से करीब 2500 कर्मचारियों ने पूरे दिन कार्य बहिष्कार किया। इमरजेंसी, आईसीयू और सीसीएम में तैनात करीब 100 कर्मचारियों ने काम किया। अन्य सभी कर्मचारी सुबह हस्ताक्षर करने के बाद हड़ताल पर रहे।