लखनऊ। बलरामपुर अस्पताल में मरीज की मौत के बाद हंगामा शुरू हो गया। मरीज की मौत अस्पताल के इमरजेंसी में हुई थी। मौत के बाद परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया। हंगामा देख वहां मौजूद गार्ड और कर्मचारियों ने लोगों को शांत कराया। उसके बाद परिजन शव को लेकर घर चले गए।
स्ट्रेचर पर ही मरीज को बिठाए रखा
ठाकुरगंज के दौलतगंज निवासी नंद किशोर राजपूत (46) को बुधवार को घर में खून की उल्टी होने लगी। परिवार के लोग उसे दोपहर में ही बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे। परिवारीजन करीब ढाई बजे इमरजेंसी पहुंचे तो पर्चा बनाने के बाद जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी में स्ट्रेचर पर ही मरीज को बिठाए रखा। परिवारीजनों ने आरोप लगाया कि जूनियर डॉक्टरों ने वहां मौजूद इमरजेंसी मेडिकल ऑफीसर को मरीज की हालत गंभीर होने की जानकारी तक नहीं दी।
मौत के बाद लगाया इंजेक्शन
स्ट्रेचर पर बैठे-बैठे मरीज को खून की उल्टी हुई। वह चक्कर खाकर गिर गया। परिजनों ने देखा तो नंद किशोर की सांसें थम गई थीं। शोर-शराबा देख जूनियर डॉक्टरों ने ड्रिप व इंजेक्शन लगाकर मरीज को ऊपर वार्ड में भिजवा दिया। बेटे बब्लू का आरोप है कि डॉक्टरों ने इलाज में लापरवाही बरती। आधे घंटे तक स्ट्रेचर पर ही बिठाए रखा, कोई इलाज नहीं दिया। मौत होने के बाद इंजेक्शन व ड्रिप लगाया। ऊपर वार्ड में पहुंचने पर डॉक्टरों ने ईसीजी किया और मरीज को तुरंत ही मृत घोषित कर दिया।