नई दिल्ली। आपको कोई भी बीमारी हो जाए, खान-पान में सबसे पहले सावधानी बरतनी होती है। हाल ही में हुए एक शोध में बताया गया है कि गुर्दे की बीमारी से पीडि़त यदि स्वस्थ आहार लेता है तो एसे खतरा कम होगा। ऑस्ट्रेलिया में बॉन्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक दशक में छह लाख 30 हजार से अधिक लोगों की आहार संबंधी आदतों का विश्लेषण किया।
सीकेडी विकसित होने की संभावना 30 प्रतिशत कम
उन्होंने पाया कि जो लोग प्रोसेस्ड मीट, नमक और कोल्ड ड्रिंक से अधिक फल, सब्जियां और मछलियों का सेवन करते हैं, उनमें क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) विकसित होने की संभावना 30 प्रतिशत कम थी। यह असाध्य स्थिति एक हल्के लक्षण, कम विकार से लेकर गुर्दे की विफलता तक हो सकती है, जहां अंग बिल्कुल काम नहीं करते हैं।
बीमारी के बोझ को कम करने में मददगार
प्रमुख शोधकर्ता डॉ. जैमोन जेली ने कहा, इस शोध के परिणाम पूर्व के शोधों का समर्थन करते हैं कि स्वस्थ आहार लेने की प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। ‘ये परिणाम सीकेडी के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य रोकथाम कार्यक्रमों को विकसित करने में सहायता कर सकते हैं, जो बीमारी के बोझ को कम करने में मददगार हो सकते हैं।Ó