आयुर्वेद में पुदीना का जिक्र किय गया है। यह कई रोगों के लिए फायदेमंद है। इसका सही तरीके से इस्तेमाल रोगों को जड़ से खत्म कर देता है। पेट की बीमारियां और खांसी-जुकाम सहित कई तरह के रोगों को दूर करता है। आइए जानते हैं इसे कैसे इस्तेमाल करना है।
पेट की बीमारी
पुदीने में मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है और मैग्नीशियम हड्डियों को ताकत देता है। यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ कई तरह से फायदेमंद होता है। पुदीने की पत्तियों का ताजा रस नींबू और शहद के साथ समान मात्रा में लेने से पेट की सभी बीमारियों में आराम मिलता है।
माहवारी समय पर न आने पर
इसका रस काली मिर्च व काले नमक के साथ चाय की तरह उबालकर पीने से जुकाम, खांसी व बुखार में राहत मिलती है। पत्तियां चबाने या उनका रस निचोड़कर पीने से हिचकियां बंद हो जाती हैं। सिरदर्द में पत्तियों का लेप माथे पर लगाने से आराम मिलता है। माहवारी समय पर न आने पर पुदीने की सूखी पत्तियों के चूर्ण को शहद के साथ समान मात्रा में मिलाकर दिन में दो-तीन बार नियमित रूप से लें।
सूखे पुदीने की पत्तियों का चूर्ण
पेट संबंधी किसी भी प्रकार का विकार होने पर एक चम्मच पुदीने के रस को एक कप पानी में मिलाकर पिएं। अधिक गर्मी में जी मिचलाए तो एक चम्मच सूखे पुदीने की पत्तियों का चूर्ण और आधी छोटी इलायची के चूर्ण को एक गिलास पानी में उबालकर पीने से लाभ होता है।
मुंह की दुर्गंध दूर
पुदीने की पत्तियों को सुखाकर बनाए गए पाउडर को मंजन की तरह प्रयोग करने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है और मसूड़े मजबूत होते हैं।पुदीने के रस को नमक के पानी के साथ मिलाकर कुल्ला करने से गले का भारीपन दूर होता है और आवाज साफ होती है। इसके रस को चेहरे पर लगाने से कील और मुंहासे दूर होता है।