लखनऊ। मोदी सरकार ने जिस आयुष्मान भारत योजना गरीबों की चिकित्सा के लिए समर्पित की है उसका लाभ निश्चित तौर पर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को मिलेगा। लेकिन इस स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ सिर्फ एलोपैथिक चिकित्सालयों में इलाज कराने वाले गरीबों को ही न मिले, अपितु उन गरीबों को भी मिले जो अपना उपचार आयुष चिकित्सा पद्धति के अस्पतालों में कराना चाहते हों।
यह बातें रिसर्च सोसायटी ऑफ होम्योपैथी के सचिव डॉक्टर अनिरुद्ध वर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को भेजे गए पत्र में उपरोक्त बातें कहीं हैं।
आयुष पद्धतियों को भी बीमा कवरेज में शामिल किया जाए
उन्होंने पत्र में लिखा है कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत लांच कर एक सराहनीय कार्य किया है। इससे उन गरीबों को इस योजना का लाभ मिल सकेगा। डॉक्टर अनुरुद्ध ने पत्र के माध्यम से कहा है कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य (आयुष्मान भारत) योजना में आयुष पद्धतियों को भी बीमा कवरेज में शामिल किया जाए और शामिल किए जाने वाले अस्पतालों की सूची में आयुष अस्पतालों (होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक, युनानी, तिब्बी एवं सिद्धा) को भी शामिल किया जाए। उन्होंने कहा है कि आयुष के शामिल होने से आयुष पद्धति से इलाज कराने वाले करोड़ों लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके।