टोरंटो। गर्भवती महिलाओं को गर्मी के मौसम से बचना चाहिए। इससे उन्हें मधुमेह हो सकता है। वैज्ञानिकों ने एक नए शोध में यह बताया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि 24 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान में गर्भवती महिलाएं बाहर जाने से बचें। -10 डिग्री तापमान या इससे अधिक सामान्य तापमान में रहने वाली गर्भवती महिलाओं को इसका खतरा कम होता है।
गर्भवती महिलाओं पर बाहरी तापमान के जोखिम का पता लगाने के लिए किए गए अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि गर्मी के मौसम में महिलाएं गर्भावस्था संबंधी मधुमेह के विकास के 7.7 प्रतिशत अधिक जोखिम में थींए जबकि ठंडे मौसम में रहने वालों को 4.6 प्रतिशत जोखिम था।
कनाडा स्थित ओंटारियो के सेंट माइकल हॉस्पिटल के प्रमुख शोधकर्ता गिलियन बूथ ने कहा कि बहुत से लोग सोचते हैं कि गर्मी के मौसम में गर्भवती महिलाएं ज्यादा सक्रिय रहती हैं, जिससे उन्हें गर्भावस्था में मोटापा कम करने में मदद मिलती है, जो क्योंकि मोटापा उन्हें मधुमेह से पीडि़त कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि ठंड में वसा के एक सुरक्षात्मक प्रकार ब्राउन एडिपोज ऊतक से इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ सकती है।
कनाडा मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं की टीम ने 12 साल की अवधि (2002 से 2014) के दौरान कनाडा में रहने वाले 396828 महिलाओं के 555911 बच्चों के जन्म की निगरानी की। इसमें पाया कि कनाडा और अमेरिका में जो महिलाएं गर्भावस्था के दौरान ठंड के तापमान के संपर्क में थीं, उनमें गर्भावधि मधुमेह की दर 3.6 प्रतिशत थी, जबकि गर्म तापमान में मधुमेह 6.3 प्रतिशत था।