डेस्क। घर में खाने का जायका बढ़ाने के लिए कढ़ी पत्ते का इस्तेमाल करते हैं। इसका उपयोग रसोइयों में सदियों से होता चला आ रहा है। इसकी पत्तियां भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए होता हैं। इसमें कई ऐसे औषधीय गुण भी होते हैं।
भारतीय भोजन में इस्तेमाल होने वाले कई मसालों में ऐसे तत्त्व होते हैं जिनसे पेट में गैस की समस्या होती है। कढ़ी पत्ता खासकर दक्षिण भारत में भोजन के लिए प्रयोग होने वाली चीज है। इसका प्रयोग भोजन में तड़के के लिए किया जाता है।
कढ़ी पत्ता मोटापा तो कम करता ही है साथ ही इसकी पत्तियां हर्बल औषधी के रूप में इस्तेमाल होती हैं। यह उदर संबंधी कई रोगों को नियंत्रित करता है। इसका नियमित सेवन पाचन शक्ति को मजबूत बनाता है और चर्बी एकत्रित नहीं होती है।
औषधीय गुण
उल्टी और अपच में कढ़ी पत्ते को नींबू के रस और चीनी के साथ लेना फायदेमंद होता है। पेट में गड़बड़ी होने पर कढ़ी पत्ते को पीस छाछ में मिलाकर खाली पेट लेने पर आराम मिलता है। अगर आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं और कोई उपाय नहीं सूझ रहा है तो रोज कुछ पत्तियां चबाएं।
दस्त, पेचिश और बवासीर में नरम कढ़ी पत्तियों को शहद के साथ लेने पर आराम मिलता है। कढ़ी पत्ते की जड़ में भी औषधीय गुण होते हैं। यह किडनी के रोगियों के लिए फायदेमंद होती है। कढ़ी पत्तों को नारियल के तेल में काला होने तक गर्म करें। इस तेल को बालों की जड़ों में लगाने से बाल मुलायम और चमकीले होंगे। डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए सुबह दस ताजे कढ़ी पत्तों का सेवन नियमित रूप से तीन महीने तक करें।
बाल झड़ रहे हों या अचानक सफेद होने लगें तो कढ़ी पत्ता खाएं। आप उसका चूर्ण भी खा सकते हैं। कढ़ी पत्ता हमारी आंखों की ज्योति बढ़ाने में फायदेमंद है साथ ही कैटरैक्ट यानी मोतियाबिंद जैसी बीमारी को भी दूर करती है।