लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 15 जूून-19 को घोषित लैब टेक्नीशियन सामान्य चयन 2016 को तत्काल निरस्त किये जाने, चयन मे΄ हुई गड़बडिय़ों की जांच कराये जाने व लैब टेक्नीशियन चयन विभागीय स्तर पर मेरिट के आधार पर कराने की मांग किया है।
ऐसा हुआ है
जेएन तिवारी ने अवगत कराया कि उन्होंने 8 जुलाई को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उप्र लैब टेक्नीशियन सामान्य चयन 2016 मे΄ हुई अनियमितताओ΄ की तरफ मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया था कि अनारक्षित श्रेणी से 477 अभ्यर्थियों को परीक्षा परिणाम के आधार पर उत्तीर्ण दर्शाया गया है जबकि सूची में मात्र 1 अभ्यर्थी ही सामान्य श्रेणी के हैं। शेष 386 अभ्यर्थी अन्य पिछड़ा वर्ग के चयनित किये गये हैं। चयनित सूची में 90 प्रतिशत अभ्यर्थी जनपद-मैनपुरी, इटावा, औरैया, फिरोजाबाद जनपदों के हैं जबकि प्रदेश के अन्य जनपदों के प्रतिभावान अभ्यर्थी चयन से वंचित कर दिये गये हैं।
आयोग को 25 जुलाई तक का समय
चयनित सूची में दो दर्जन ऐसे भी अभ्यर्थी हैं जिनके पास आवेेदन जमा करने की अंतिम तिथि तक लैब टेक्नीशियन की नियुित के लिये जरूरी अहर्कारी डिप्लोमा ही नहीं था। ऐसे अभ्यर्थियों का चयन भी हुआ है जो लिखित परीक्षा में असफल हो गये थे। आयोग के परीक्षा परिणाम पर उच्च न्यायालय में कई याचिकायें दाखिल हैं जिनका संज्ञान लेकर न्यायालय ने आयोग को 25 जुलाई तक का समय जवाब के लिये दिया है। तिवारी ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव को पत्र लिखकर आयोग द्वारा 15 जून को घोषित परिणाम निरस्त करने व लैब टेक्नीशियन का चयन विभाग द्वारा निर्गत उप्र प्रयोगशाला तकनीशियन सेवा नियमावली 1985 के आधार पर कराने का अनुरोध किया है।