लखनऊ। बदलती लाइफ स्टाइल, जंक फूड और सब कुछ हासिल कर लेने की प्रतिस्पर्धा ने लोगों की सेहत पर बुरा असर डाला है। यही कारण है कि पहले जो बीमारियां लोगों को 50 साल की उम्र के बाद अपनी गिरफ्त में लेती थीं वह आज कम उम्र में ही शरीर पर अपना कब्जा जमा ले रही हैं।
नियमित व्यायाम करें
इससे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग हृदय भी अछूता नहीं रहा, जबकि हर आती-जाती सांस की डोर का सीधा जुड़ाव इसी से है। इसके लिए जो सबसे अधिक जरूरी है वह यह है कि पूरी ईमानदारी से अपनी दिनचर्या का पालन करें, नियमित व्यायाम करें, खानपान पर ध्यान दें और चिंता व तनाव से दूर रहें। इसके प्रति जागरुकता के लिए ही हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है।
ये हैं कारण
वल्र्ड हार्ट फेडरेशन ने इस साल विश्व हृदय दिवस की थीम ‘माइ हार्ट योर हार्टÓ (मेरा दिल-तेरा दिल) तय किया है। फेडरेशन ने हृदय रोग से होने वाली असामयिक मौत पर नियंत्रण के लिए जिन आवश्यक कारकों को नियंत्रित करने पर जोर दिया है, वह हैं, हानिकारक खाद्य सामग्री का सेवन, तंबाकू का प्रयोग, मदिरा का सेवन और व्यायाम न करना।
यह है समस्या
कोरोनरी धमनियों की आंतरिक दीवारों पर कोलेस्ट्राल या वसा के जमाव से रक्त के प्रवाह में दिक्कत आती है। इसके चलते हृदय को कम मात्रा में रक्त की आपूर्ति हो पाती है। इससे हृदय को सही ढंग से कार्य करने के लिए जरूरी पोषक तत्वों और ऑक्सीजन की कमी से जूझना पड़ता है। इसके चलते सीने में दर्द की शिकायत होने लगती है, जिसे एंजाइना भी कहते हैं। यदि हृदय की मांसपेशी को रक्त आपूर्ति करने वाला हिस्सा पूरी तरह से कार्य करना बंद कर देता है तो दिल का दौरा पड़ सकता है। यह आज मौत का बड़ा कारण बन चुका है।
30 मिनट करें व्यायाम
हृदय रोग विशेषज्ञों का मानना है कि हृदय की बीमारी कम उम्र में ही लोगों में देखने को मिल रही है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग अब 30 साल के ऊपर के सभी लोगों को हायपरटेंशन और डायबिटीज की स्क्रीनिंग की सलाह देता है। इसका प्रमुख कारण बदलती लाइफस्टाइल, जंक फूड और धूम्रपान है। युवा पीढ़ी का झुकाव इस ओर ज्यादा होने के कारण ही यह बीमारी कम उम्र में घेर ले रही है। इससे बचने के लिए हर दिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करना बहुत जरूरी है।
स्वास्थ्य विभाग करेगा जागरूक
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. पद्माकर सिंह ने प्रदेश के सभी अपर निदेशक- चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर विश्व हृदय दिवस पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि जनमानस को हृदय रोग होने के कारण तथा इसके लिए उत्तरदायी कारकों के प्रति जागरूक करके इस रोग पर बहुत कुछ काबू पाया जा सकता है।
यह जरूर जानें
आपका दिल एक मिनट में 72 बार और 24 घंटे में 100800 बार धड़कता है। इसके अलावा एक दिन में 2000 गैलन खून की पंपिंग करता है। इसीलिए इसे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग माना जाता है।
हृदय रोग के मुख्य कारण
धूम्रपान, मदिरापान, अजीर्ण, अत्यधिक वसा व चिकनाई युक्त भोजन, उच्च रक्तचाप, शरीर में ज्यादा चर्बी, अधिक कोलेस्ट्राल, अत्यधिक चिंता और मधुमेह हृदय रोग के मुख्य कारण हैं।
हृदय रोग के मुख्य लक्षण
छाती में बाईं ओर या छाती के बीच में दर्द या दबाव महसूस होना, सांस तेज चलना, पसीना आना, छाती में दर्द के साथ पेट में जलन, पेट भारी लगना, उल्टी होना और शारीरिक कमजोरी महसूस होना, घबराहट और बेचैनी महसूस करना हृदय रोग के प्रमुख लक्षण हैं। मधुमेह रोगियों को दर्द या बिना दर्द के भी हृदय रोग का आघात हो सकता है।
ऐसे करें बचाव
शरीर में ज्यादा चर्बी, अधिक कोलेस्ट्राल, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, चिंता व तनाव से बचें। धूम्रपान, मदिरापान, वसा एवं चिकनाई युक्त भोजन से परहेज करें। नियमित व्यायाम, आधे घंटे तक टहलना, नियमित दिनचर्या का पालन, संतुलित भोजन, प्रतिदिन छ्ह से सात घंटे तक की निद्रा और आराम जरूर करें।
डॉक्टर ने कही ये बात
एसजीपीजीआई के कार्डियोलाजी विभाग के प्रो. डॉ. सुदीप कुमार ने कहा कि जीवन में कुछ छोटे बदलाव करके हम हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकते हैं। साथ ही अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधारकर जीवन का पूरा आनंद ले सकते हैं। कुछ सार्थक कदम जैसे- स्वस्थ भोजना बनाना, संतुलित आहार लेना, नियमित व्यायाम करना, शराब का सेवन कम करना और धूम्रपान को छोड़कर अपने हृदय को स्वस्थ रख सकते हैं और अपनी अगली पीढ़ी के लिए उदाहरण बन सकते हैं। इसके साथ ही नीति निर्धारक, सरकार और डॉक्टर स्वस्थ हृदय को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों का समर्थन करके लोगों में स्वस्थ रहने के प्रति जागरूकता फैला सकते हैं।