लखनऊ। सुरक्षित गर्भपात के बारे में युवा पीढ़ी को जागरूक करने के लिए पूरे परिवार की काउंसिलिंग की जानी चाहिए। लड़का व लड़की को साथ बैठाकर बात की जाए। पुरुषों को खास तौर पर जागरूक किया जाए। इस तरह के सुझाव आए शनिवार को सीएमओ दफ्तर पर आयोजित हुई कार्यशाला में। कार्यशाला पंडित गोविंद बल्लभ पंत ग्राम विकास अध्ययन संस्थान द्वारा प्रजनन स्वास्थ्य एवं गर्भसमापन विषय पर आयोजित की गई थी।
सरकार का उद्देश्य गर्भपात कराना नहीं
मुख्य अतिथि निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. बद्री विशाल ने इस सुझावों का स्वागत करते हुए कहा कि हमें परिवारों के साथ बातचीत का तरीका बदलना चाहिए। बजाय उनको यह बताने कि सरकार यह चाहती है, उनसे पूछिए कि आप क्या चाहते हैं। ज्यादा बच्चे होंगे तो आप उन्हें कहां से खिलाएंगे…कैसे पढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य गर्भपात कराना नहीं है। हम सबकी कोशिश यह होनी चाहिए कि ऐसी स्थिति ही न आए। लोग इतने जागरूक हो जाएं कि अपने हिसाब से अपने परिवार की प्लानिंग करें।
छात्र-छात्राओं के बीच जाकर जागरुकता फैलाएं
कार्यशाला में मौजूद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. अनिल मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण में स्वास्थ्य को प्राथमिकता के तौर गिनाया है। इसका मतलब है कि एक-डेढ़ महीने में यह प्राथमिकताओं में आने जा रहा है। उन्होंने आयोजक संस्था को सुझाव दिया कि वह लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं के बीच जाकर जागरुकता फैलाएं। उनका संयुक्त फोरम बनाएं।
एकजुट होकर करना होगा काम
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि हम सभी अगर एकजुट होकर काम करेंगे तो निश्चित तौर पर इस समस्या का भी हल निकल आएगा। उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि समस्या गिनाने के बजाए अगर आप सुझाव दें तो बेहतर होगा। हम उसपर अमल करेंगे। कार्यशाला में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डीपीएम सतीश यादव, पंडित गोविंद बल्लभ पंत ग्राम विकास अध्ययन संस्थान के सहायक निदेशक अभिनव व नीमा बिष्ट ने गर्भपात पर प्रदेश की वस्तुस्थिति पेश की।