लखनऊ। राजधानी लखनऊ में इंडियन मीनोपॉज सोसायटी के द्वारा नार्थ जॉन कार्यशाला का दो दिवसीय आयोजन शनिवार को एक होटल में किया गया। इसमें संस्था की अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. यशोधरा प्रदीप ने बताया कि चालीस या चालीस से वर्ष की आयु से अधिक महिलाओं के स्वास्थ्य की देखरेख पर चर्चा करते हुए कहा कि इस कार्यशाला के द्वारा हम महिलाओं को स्वास्थ्य प्रति जागरूक करना चाहते है जिसमें औरतों की स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं गर्भावस्था तथा जननी के साथ समाप्त हो जाता है।
मानसिक समस्याएं होने की संभावना अधिक
हालांकि चालीस साल के लगभग स्त्रियों में गर्भाशय के मुख का कैंसर (सर्वाइकल कैंसर) गर्भाशय का कैंसर और अंगाशय का कैंसर, स्तन कैंसर, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज मोटापा, दिल का दौरा, गठिया, मानसिक समस्याएं होने की अधिक संभावना होती है जिसमें महिलाओं में सबसे ज्यादा गर्भाशय का कैंसर पाया जाता है। इसका कारण एचपीवी वायरस शरीर में रुकता हैं हालांकि यह महिलाओं में 30 से 35 साल की उम्र में महिलाओ में एक दो सालों में आता है जोकि अपने आप साफ हो जाना चाहिए और अगर जिन महिलाओं में वह साफ नही होता हैं। उसी में कैंसर पाया जाता है जिसमें इसकी स्क्रिनंग होना बहुत जरूरी है, लगभग 30 से 64 साल की उम्र की महिलाओं की स्क्रिनंग सभी सरकारी अस्पतालो में किया जाता है।
महिलाएं इसका करें सेवन
इसका मात्र खर्च 1200 रुपए तक आता है। इसके साथ ही डॉ. आशना अशरफ ने बताया कि गर्भावस्था के बाद महिलाएं अपने उपर विशेष नहीं देेती। जिसमें इसके बारे में ध्यान नही देती हैं जिसमे महिलाओं में ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा, दिल का दौरा, गठिया, मानसिक समस्याएं होने की अधिक संभावना होती है। इसका कारण है कि महिलाओं में विटामिन डी की कमी होना। इसको पूरा करनेे के लिए महिलाएं कैल्शियम की गोली ले हरी सब्जियां, दूध, दाल इत्यादि का सेवन करें साथ ही इस कार्यक्रम में डॉ. यशोधरा, डॉ. दीपा कपूर, डॉ. आशना अशरफ, डॉ. संगीता मेहरोत्रा व अन्य लोग उपस्थिति थे।