डेस्क। क्या आपने कभी नींद में झटके महसूस किए है? क्या आपको लगा है कि आप कहीं से गिर गए हों? या गहरी नींद में होते हुए आप अचानक उछल पड़ते हैं। अगर ऐसा है तो आप हाइपेनिक जर्क के शिकार हैं।
ऐसा होता क्यों है
ऐसा तब होता है जब आप सपना देख रहे होते हैं। कभी-कभी तो आप अचानक चिल्लाने भी लगते हैं। इस अवस्था को हाइपेनिक जर्क कहा जाता है। एक रिसर्च के अनुसार दुनिया भर में 70 प्रतिशत लोग इस स्थिति को जरूर महसूस करते हैं। पहले तो आपको यह बता दें कि यह कोई रोग नहीं है और ना ही कोई नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर है। सोने और जागने के बीच का समय हाइपोजेनिक स्टेज कहलाती है, जिसमें आप समझ नहीं पाते कि आप जाग रहे हैं या सो रहे हैं। यह एक दिमागी रिएक्शन है, जिसमें दिमाग की नसों में संकुचन होता है और आप संभल भी नहीं पाते। इसलिए नींद में आप जो भी देखते है वो आपको सच लगता है। इसी वजह से आप गिर भी जाते हैं या चिल्लाने लगते हैं।
उपाय
छोटा हो या बड़ा, हर व्यक्ति के लिए कम से कम 8 घंटे की नींद लेना जरूरी है। अपनी नींद पूरी करें और रोजाना सुबह एक ही समय पर उठने की कोशिश करें। सोने से पहले गर्म पानी से नहाकर थोड़ा रिलैक्स हो जाएं। रात को सोने से पहले कॉफी, चाय, कैफीन या सोडा न पीएं। इसके अलावा रात को सोने से पहले कोई भी तनावपूर्ण काम न करें और न ही दिमाग पर जोर पडऩे वाला कोई काम करें।
कई बार आयरन की कमी के कारण भी यह डिसऑर्डर हो जाता है। ऐसे में अपनी डाइट में आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम से भरपूर चीजों को शामिल करें। आयरन की कमी को पूरा करने के लिए रोज दूध, दही, केला और नट्स खाएं।
रात को सोने से पहले एक्सरसाइज करने से आपके दिमाग पर स्ट्रेस पड़ता है और इससे रात को आप ठीक से सो नहीं पाते। इसलिए अपना समय बदलें और सोने से 6 घंटे पहले ही एक्सरसाइज कर लें।
यह है कारण
हाइपेनिक जर्क का मुख्य कारण तनाव, चिंता और अवसाद है। दिनभर थकने के बाद भी आप देर रात तक टीवी देखते हैं या काम करते हैं। इसके कारण आपके दिमाग को सही तरीके से आराम नहीं मिल पाता। कभी कभी-कभी यह डिसऑर्डर जनेटिक भी हो सकता है लेकिन आजकल यह प्रॉब्लम दिमाग को रेस्ट न मिलने के कारण होता है।