केवल वयस्कों को नहीं, बच्चों के लिए भी जरूरी है विटामिन डी, हड्डियों का रखवाला है विटामिन डी , कैल्शियम के साथ है कनेक्शन
लखनऊ। बच्चों को बड़ों के मुकाबले खाने में पोषक तत्वों की जरूरत ज्यादा होती है, क्योंकि इस समय उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और यह उनके बढऩे की उम्र होती है जिसके कारण उनपर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है।
विकास के लिए विटामिन्स की जरूरत
अपने जीवन के पहले वर्ष में बच्चा तेजी से बढ़ता है। इसी दौरान उसकी हड्डियों, रीढ़ की हड्डी और शारीरिक तंत्रों का निर्माण होता है। हड्डियों, ब्रेन सेल्स आदि के विकास के लिए विटामिन्स की जरूरत होती हैं। जिसमे विटामिन डी हमारी हड्डियों के लिए बहुत जरूरी होता है। विटामिन डी की कमी होने से हडिड्यों की कार्यक्षमता और मजबूती पर असर पड़ता है। कुछ मामलों में यह समस्या रिकेट्स का रूप भी ले लेती है। इसमें मांसपेशियों में ऐंठन और पैरों का आकार धनुष जैसा हो सकता है।
डॉक्टर ने यह कहा
बालरोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान बताते हैं कि रिकेट्स, बच्चों में होने वाला हड्डियों का विकार होता है। इसमें हड्डियां नाजुक हो जाती हैं। इससे उनमें विकृति आ जाती है और फैक्चर का खतरा बढ़ जाता हैद्य इस बीमारी की मुख्य वजह विटामिन डी की कमी होना है। इसके साथ ही यदि गर्भवती महिलाओं में विटामिन डी की कमी होए तो होने वाले शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती है। विटामिन डी हमारी हड्डियों के लिए बहुत जरूरी होता है। केवल व्यस्कों को नहींए बच्चों को भी मजबूत अस्थियों के लिए विटामिन डी की जरूरत होती है। विटामिन डी महत्ता को नजरअंदाज करना बच्चे के लिए जानलेवा भी हो सकती है।
विटामिन डी की कमी बढ़ रही
इंडियन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स (आईएपी) की गाइडलाइन्स के अनुसार भारत में सभी आयु वर्गों में विटामिन डी की कमी बढ़ रही है, ज्यादातर भारतीय महिलाओं और बच्चों में विटामिन डी की कमी पायी जाती है। अक्सर लोग बच्चों के विकास में विटामिन डी महत्ता को नजरअंदाज कर देते हैं। बच्चों और किशोरों में विटामिन डी और कैल्शियम की कमी की रोकथाम और उपचार जरूरी है।
शारीरिक विकास में बाधाएं
आईएपी के अनुसार गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अपने डॉक्टर के सुझाव पर विटामिन डी की खुराक लेनी चाहिए, जिससे स्तनपान के जरिये नवजात को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी मिल सके। अगर बच्चों को विटामिन डी की सही मात्रा ना दी जाए तो उनके शारीरिक विकास में कई बाधाएं आ सकती हैं।