लखनऊ। उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा डेंगू से निपटने के लिए एलर्ट हो गया है। प्रदेश के कई जनपदों में डेंगू के मरीजों के मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी सरकारी चिकित्सालयों में डेंगू मरीजों के लिए बेड आरक्षित करने के निर्देश दिये हैं। राजधानी लखनऊ में अब तक पांच मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। लखनऊ के जानकीपुरम में रहने वाले आठ वर्षीय बच्चे में डेंगू की पुष्टि हुई है। वहीं बलरामपुर अस्पताल में भी डेंगू के दो मरीज भर्ती हैं । इसके अलावा केजीएमयू के बाल रोग विभाग में भी डेंगू के दो मरीज भर्ती हैं।
एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा
लखनऊ के सीएमओ डा. नरेन्द्र अग्रवाल के मुताबिक, एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है। अस्पतालों को डेंगू से निपटने के लिए एलर्ट कर दिया गया है और बेड आरक्षित करा दिये गये हैं। सीएमओ ने बताया कि डेंगू प्रभावित मरीज के टेस्ट के लिए मैक एलाइजा टेस्ट ही मान्य होता है। ऐसे में जिन मरीजों के ब्लड सैंपल में केजीएमयू, एसजीपीजीआई या स्वास्थ्य भवन से मैक एलाइजा विधि द्वारा डेंगू की पुष्टि होती है। उन्हीं को डेंगू संक्रमित घोषित किया जाता है।
सघन पर्यवेक्षण अभियान
भारत नेपाल सीमा पर स्थित जिलों को अति संवेदनशील मानते हुए स्वास्थ्य विभाग सघन पर्यवेक्षण अभियान चला रहा है। इस अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ता मलेरिया और डेंगू से बचाव के तरीके बतायेंगे और एंटी लार्वा का छिड़काव कर रहे हैं। यह अभियान 01 अगस्त से चल रहा है जो 14 अगस्त तक चलेगा। भारत नेपाल सीमा से सटे जिले जिसमें पीलीभीत, लखीमपुरखीरी, बहराईच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और महराजगंज शामिल हैं।
मच्छरों से बचाव के तरीके भी बताए जा रहे
अपर निदेशक मलेरिया डा. अवधेश यादव ने बताया कि इन जिलों में जनजागरण अभियान के तहत मच्छरों को मारने के लिए दवा का छिड़काव कराने के साथ ही लोगों को मच्छरों से बचाव के तरीके भी बताए जा रहे हैं। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में वह गांव-गांव जाकर मच्छरों से सावधान रहने और बचाव करने की जानकारी देने वाले स्टीकर, पोस्टर और हैंडबिल का वितरण किया जायेगा। ग्राम पंचायतों और स्कूलों में मच्छरों से बचाव तथा मच्छर जनित रोगों की जानकारी दी जा रही है।