लखनऊ। महज 23 महीनों में देशभर में 12,900 स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों में 1.3 करोड़ प्रसव पूर्व जांच किए और 6.5 लाख उच्च जोखिम वाली गर्भावस्थाओं की पहचान की। केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने आई प्लेज फॉर नाइन्य अचीवर्स पुरस्कार वितरण समारोह में यह बात बताई।
अनुकरणीय कमी का प्रदर्शन किया
यह पुरस्कार देश की प्रत्येक महिला को सुरक्षित मातृत्व प्रदान करने के उद्देश्य वाले मिशन को हासिल करने में सहयोग करने वाले निजी सेंटर और राज्यों से व्यक्तियों व निजी डॉक्टरों की टीम को उनकी अनुकरणीय सेवाओं, संस्थाओं की शानदार सपोर्ट और भागीदारों की प्रतिबद्धता के लिए दिए गए। उन राज्यों को भी पुरस्कार दिए जिन्होंने हाल ही में जारी एसआरएस के अनुसार एमएमआर में अनुकरणीय कमी का प्रदर्शन किया है।
2013 से मातृ मृत्यु दर में 22 प्रतिशत की कमी आयी
इस कार्यक्रम में राज्य स्वास्थ्य व कल्याण मंत्री अश्विनी चौबे, अनुप्रिया पटेल, नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पॉल, विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री और सचिव, प्रीति सूदन के साथ फोगसी और आईएमए के प्रमुख उपस्थित रहे। हमारी ताकत इससे पता चलती है कि हम जो भी कार्यक्रम शुरू करते हैं, वह दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम बन जाता है हमने वो कार्यक्रम शुरू किए हैं जिनके दूरगामी प्रभाव होंगे। भारत ने इतनी बड़ी सख्यां व भौगालिक चुनौतियों के बावजूद कई सूचकांक में ठोस प्रगति की है। भारत ने 2013 से मातृ मृत्यु दर में 22 प्रतिशत की कमी आयी है।
1.3 करोड़ प्रसव पर्व जांच की
हमें इस बात की प्रशंसा करनी चाहिए कि यूपी ने मातृ मृत्यु दर में 30 प्रतिशत की कमी लाकर मातृ मृत्यु दर वाले चार्ट में शीर्ष स्थान हासिल किया है। राज्य स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि लगातार इनोवेशन पीएमएसएमए की विशिष्टता रहे हैं। हमें दो साल से कम समय हुआ है हम प्रत्येक गर्भवती महिला तक पहुंचे हैं। इन दो सालों में 1.3 करोड़ प्रसव पर्व जांच की गई हैं। हमने जो नतीजे हासिल किए उनसे हम उत्साहित हैं। अनुप्रिया ने सभी हितधारकों, विशेष तौर पर कार्यकर्ताओं को उनके सराहनीय काम के लिए बधाई दी।