लखनऊ। रायबरेली में सड़क हादसे में घायल उन्नाव की बलात्कार पीडि़ता और उसके वकील की हालत घटना के पांचवे दिन गुरुवार को भी नाजुक बनी हुयी है। एक दिन पहले पीडि़त परिजनों ने अस्पताल के बाहर ही धरना दिया था। किंग जार्ज मेडिकल यूनीवर्सिटी (केजीएमयू) अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि पीडि़ता और वकील महेन्द्र सिंह अभी वेंटिलेटर पर है। वकील की सेहत में कुछ सुधार दिखने पर उन्हे वेंटिलेटर से थोड़े समय के लिये हटाया गया था मगर हालत बिगडऩे पर दोबारा जीवन रक्षक प्रणाली में रख दिया गया।
पीडि़ता के अंगों में कई फ्रैक्चर
पीडि़ता और वकील के दोपहर 12 बजे जारी स्वास्थ्य बुलेटिन में बताया गया कि दोनों की हालत अभी भी नाजुक बनी हुयी है। दोनों का इलाज विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी मे मुफ्त किया जा रहा है। पीडि़ता के अंगों में कई फ्रैक्चर है। उसके पैर, सीने और सिर पर गंभीर चोटें आयी है। पसली में फ्रैक्चर के कारण उसे सांस लेने में कठिनाई हो रही है।
चाची और मौसी की मौत
सीटी स्कैन रिपोर्ट में हालांकि कोई बड़ी हेड इंजरी परिलक्षित नहीं हुयी है। इस बीच हादसे की शिकार पीडि़ता की मौसी का अंतिम संस्कार उनके गृहनगर बाराबंकी के एक गांव में आज कर दिया गया। गौरतलब है कि रायबरेली के गुरूबख्शगंज क्षेत्र में पिछले रविवार को ट्रक और कार की भिड़ंत में कार सवार पीडि़ता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हो गये थे जबकि उसकी चाची और मौसी की मृत्यु हो गयी थी।
दोनों वाहनों के स्पीडोमीटर चेक किये
पुलिस अधीक्षक राघवेन्द्र वत्स के नेतृत्व में सीबीआई के 12 सदस्यीय दल ने दोनों वाहनों के स्पीडोमीटर चेक किये जिसमें घटना के समय ट्रक की रफ्तार 80 किमी प्रति घंटा और कार की स्पीड 100 किमी प्रति घंटा होने की संभावना जतायी गयी है। सीबीआई ने घटना के दो चश्मदीद गवाह दुकानदारों के अलावा रायबरेली जेल में बंद ट्रक के चालक और परिचालक से भी पूछताछ की है। सीबीआई ने इस मामले में जेल में बंद विधायक समेत नौ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।