लखनऊ। गुर्दे की पथरी से परेशान लोगों को अब परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप सोच रहे होंगे कि ऑपरेशन को कराना ही होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। ऑपरेशन भी नहीं कराना होगा और दवा का ज्यादा सेवन भी नहीं करना होगा। बस सात में आपको गुर्दे की पथरी से राहत मिल जाएगी। ऑपरेशन भी नहीं कराना होगा। नेशनल बॉटनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट, आईआईटीआर व केजीएमयू ने मिलकर हर्बल दवा खोजने में कामयाबी पाई है। वैज्ञानिकों का दावा है कि दवा खाने पर सात दिन के भीतर गुर्दे की पथरी चूरा बनकर निकल जाएगी।
इतने कम पैसे में
एनबीआरआई के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. शरद श्रीवास्तव का कहना है कि दवा पांच जड़ी-बूटियों से तैयार की गई है। अच्छी बात तो यह है कि यह जड़ी-बूटियां भारत में मौजूद हैं। 50 पैसे से कम कीमत में मरीजों को दवा मिलेगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि डॉक्टर की सलाह पर मरीज को तीन टाइम दवा खानी होगी। एक खुराक में दो गोलियां लेनी होगी।
दवा का परीक्षण शुरू
डॉ. शरद श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत में गुर्दे की पथरी के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसका इलाज काफी महंगा है। ऑपरेशन मरीज के लिए काफी कष्टकारी व खर्चीला होता है। दवा की खोज हाने से मरीजों को परेशानियों का सामना नहीं करना होगा। दवा को तैयार करने में पांच साल लगा है। महानिदेशक, ड्रग कंट्रोलर से इजाजत मिलने के बाद केजीएमयू में दवा का मरीजों पर परीक्षण शुरू हो गया है। यह परीक्षण एक माह तक चलेगा।
इनका योगदान रहा सराहनीय
खोजकर्ता टीम में एनबीआरआई के निदेशक एसके बारिक, डॉ. शरद श्रीवास्तव, अंकिता मिश्रा व अनिल के गुनियाल व विवेक श्रीवास्तव शामिल हैं। जबकि आईआईटीआर से विकास श्रीवास्तव, धीरेंद्र सिंह व खान हफीजुर्रहमान हैं। वहीं, केजीएमयू के यूरोलॉजी विभाग के हेड प्रो. एसएन शंखवार व निजी अस्पताल के डॉ. सलिल टंडन टीम में शामिल हैं।