लखनऊ। जन्मजात मानसिक विकृति के शिकार आटिज्म के बच्चों का इलाज संभव है। ऐसे बच्चों में पैदाइशी इस न्यूरोलॉजिकल विकार का इलाज स्टेम सेल तकनीक के साथ-साथ पुनर्वास से किये जाने के बहुत अच्छे परिणाम सामने आये हैं। यह जानकारी नवी मुम्बई के नेरुल स्थित न्यूरोजेन ब्रेन एंड स्पाइन इंस्टीट्यूट की डॉ नंदिनी गोकुलचंद्रन ने गुरुवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता में कही।
सामान्य बच्चों से अलग होता है व्यवहार
उन्होंने कहा कि संस्थान स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी, मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी, ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी जैसे रोगों का इलाज सफलता पूर्वक कर रहा है। उन्होंने कि अगर हम ऑटिज्म की बात करें तो ऑटिज्म भी एक प्रकार की मानसिक विकृति है जिसमें बच्चों के दिमाग में मौजूद सेंस का संतुलन बराबर नहीं होता है, उनमें यह संतुलन कभी ज्यादा होता है तो कभी कम, जिस कारण उनका व्यवहार भी सामान्य बच्चों से अलग होता है।
लेकिन अब हमारे संस्थान ने पहली बार इसका सफल उपचार खोजा है, इसमें बच्चे के मस्तिष्क के असंतुलित सेंस को उसी के बोन मैरो के स्टेम सेल से संतुलित किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस रोग की पहचान के लिए पहले पेट सीटी स्कैन के माध्यम में ब्रेन की स्टडी की जाती है, जिसमें साफ पता चल जाता है कि ब्रेन का कौन सा हिस्सा काम नहीं कर रहा है।
ऐसा करते हैं
डॉ नंदिनी ने बताया कि शुरुआत में सात दिन के उपचार के तहत हम अपने संस्थान में बच्चे को सात दिनों के लिए भर्ती करते हैं इसमें पहले दिन स्टेम थेरैपी की जाती है। इसमें बच्चे की कमर से बिना किसी चीर-फाड़ के बोन मैरो निकालते हैं तथा फिर उस बोन मैरो से स्टेम सेल निकालकर बच्चे की रीढ़ के पानी में डाल देते हैं जिससे स्टेम सेल पानी के साथ मस्तिष्क तक पहुंच जाता है और वहां वह मस्तिष्क को रिपेयर करना शुरू कर देता है।
इसके बाद बाकी छह दिन मरीज को अनेक प्रकार की बातें सिखायी जाती हैं साथ ही उसके दिमाग की स्थिति पर नजर रखी जाती हैं। इसके लिए उसे अनेक बातों का प्रशिक्षण दिया जाता है। फिर यही प्रशिक्षण बच्चे को घर पर करवाने के लिए माता-पिता से कहा जाता है। इसके बाद तीन माह बाद बच्चे को बुलाकर उसकी जांच की जाती है। तथा छह माह बाद बच्चे का सीटी स्कैन कराकर स्थिति देखी जाती है। उन्होंने बताया कि हमारा संस्थान स्टेम सेल थेरेपी और रिहैबिलेशन के माध्यम से असाध्य न्यूरोलॉजिकल विकारों से पीडि़त मरीजों के लिए नई उम्मीद है।
6000 मरीजों का किया उपचार
न्यूरोजेन ब्रेन ऐंड स्पाइन इंस्टीट्यूट न्यूरोलॉजिकल विकार मसलन, ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, मानसिक मंदता, ब्रेन स्ट्रोक, मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी, स्पाइनल कॉर्ड इंजरी, सिर में चोट, सेरेबेलर एटाक्सिया, डिमेंशिया, मल्टीपल स्केलेरॉसिस और न्यूरोसाइकिएट्रिक विकार के लिए स्टेम सेल थेरेपी और समग्र पुनर्वास प्रदान करता है। अब तक इस संस्थान ने 60 से अधिक देशों के 6000 मरीजों का सफलतापूर्वक उपचार किया है।
इलाज की सफलता में भारत अग्रणी
इस मौके पर आटिज्म का शिकार लखनऊ का रहने वाला सात साल का बच्चा ओम रमन अपने पिता तथा स्पीच थेरेपिस्ट इमरान के साथ उपस्थित था। ओम के पिता ने अपने अनुभव सुनाते हुए बताया कि किस प्रकार उनके बच्चे में चमत्कारिक तरीके से परिवर्तन आया है। और अब ओम वह सब कर रहा है जो पहले करने में असमर्थ था। डॉ नंदिनी ने बताया कि उनकी 14 से ज्यादा रिसर्च इंटरनेशनल जरनल में प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि इसके इलाज की सफलता में भारत अग्रणी रहा है, दूसरे नम्बर पर चीन तथा तीसरे नम्बर पर अमेरिका है।