लखनऊ। मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में शुक्रवार को 2 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया गया। इसमें स्टाफ नर्स व एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर डॉ. मोनिका अग्रवाल ने बताया कि अंतरा लगवाने से महिला गर्भवती नहीं होती है। यह बहुत ही प्रभावी गर्भनिरोधक है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है लेकिन इसको लगवाने के बाद महिला का मासिक चक्र बंद हो जाता है किन्तु महिला को घबराना नहीं चाहिए। अंतरा इंजेक्शन का असर तीन महीने तक रहता है। हर तीन महीने बाद एक इंजेक्शन लगाया जाता है। अंतरा इंजेक्शन को लगवाने के बाद, इंजेक्शन लगाने वाली जगह को रगडऩा नहीं चाहिए इससे इंजेक्शन का प्रभाव कम हो जाता है।
छाया गोलियां व आइयूसीडी कॉपर टी भी उपलब्ध
मास्टर ट्रेनर डॉ. सोना जैन ने बताया कि जब तक परिवार नियोजित रखना हो इसका उपयोग किया जा सकता है। जब भी दोबारा मां बनना हो तो इसका उपयोग बंद कर देना चाहिए। तीन से छह महीने में मासिक चक्र नियमित हो जाता है। तब अगला बच्चा प्लान कर सकते हैं। अंतरा इंजेशन के साथ-साथ छाया गोलियां व आइयूसीडी कॉपर टी सभी अस्पतालों में उपलब्ध हैं। इन तीनों साधनों का उपयोग करने से महिला को कोई नुकसान नहीं होता है।
यह कहा सीएमओ ने
प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि आप सभी को इसके बारे में अपने कार्य क्षत्र में लोगों के बीच जाकर इसका प्रचार प्रसार करना है व आशाओं को इसकी जानकारी देनी है ताकि वे समुदाय तक आपकी बात को पहुंचा सकें। महिलाओं में इसको लेकर जो भ्रांतियां फैली हैं उनको दूर करना है। परिवार नियोजन कार्यक्रम की अहम जिम्मेदारी स्टाफ नर्स व एएनएम के कंधों पर ही है।
ये थे मौजूद
इस अवसर पर नोडल परिवार नियोजन अनूप श्रीवास्तव, जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी योगेश रघुवंशी व तकनीकि सहयोग इकाई से जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ विष्णु तिवारी उपस्थित थे।