एनएचएम के मिशन निदेशक ने सूबे के मुख्य चिकित्साधिकारियों को पत्र भेजकर दिए बैठक करने के निर्देश
लखनऊ। प्रदेश के बच्चों का पूर्ण रूप से प्रतिरक्षण करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन टीकाकरण को लेकर फैली गलतफहमियों के कारण शत-प्रतिशत लक्ष्य की पूर्ति नहीं हो पा रही है। ऐसे में अब समुदाय में व्यवहार परिवर्तन के लिए शासन ने धर्मगुरूओं और समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को साथ लेकर गलतफहमियों को दूर करने की योजना बनाई है। सभी के सहयोग से टीकाकरण की कवरेज को बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए एनएचएम के मिशन निदेशक पंकज कुमार ने प्रदेश के मुख्य चिकित्साधिकारियों को पत्र भेजा है।
करें बैठक, समस्याओं पर करें चर्चा
पत्र में कहा गया है कि शत प्रतिशत टीकाकरण के लिए जिलों में ब्लाक स्तर पर धार्मिक गुरूओं/प्रतिष्ठित व्यक्तियों की बैठक आयोजित कराई जाए। बैठक में नियमित टीकाकरण को बढ़ाने में आने वाली समस्याओं पर चर्चा की जाए। चर्चा के साथ ही समस्याओं के समाधान और उन्हें दूर करने के उपायों को भी रखकर सभी के सुझाव लिए जाए। प्रत्येक बैठक का कार्यवृत्त और फोटोग्राफ उपलब्ध कराए जाए। मीजिल्स रूबैला टीकाकरण अभियान के दौरान कराए गए धार्मिक गुरुओं और प्रतिष्ठित व्यक्तियों की कराई गई बैठकों को एफएमआर कोड 11.8.1 में बुक करें।
बैठक के लिए मुख्य दिशा निर्देश
जिला और ब्लाक स्तर पर होने वाली धर्म गुरूओं की बैठक जिला/ ब्लाक स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में होगी। इसमें 20 धर्म गुुरूओं/प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ ब्लाक स्तर पर कार्यशाला आयोजित होगी। बैठक में धर्म गुरूओं के अलावा क्षेत्र के प्रभावशाली लोगों को बुलाया जाएगा। सभी को नियमित टीकाकरण के महत्व के बारे में जानकारी दी जाएगी। उनके क्षेत्र में पूर्ण टीकाकरण न कराने वाले/बीच में छोडऩे वालों से सहयोग की अपेक्षा की जाएगी। यह कार्यशाला साल में दो बार आयोजित होगी।
जारी की गई धनराशि
कार्यशाला जिला प्रतिरक्षण अधिकारी के नेतृत्व में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, डीसीपीएम द्वारा यूनीसेफ/बीएमसी का सहयोग प्रदान किया जाएगा। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी कार्ययोजना और उपभोग प्रमाणपत्र के साथ जिलावार रिपोर्ट प्रेषित करेंगे। यूनीसेफ के अधिकारी द्वारा जिला प्रतिरक्षण अधिकारी और चिकित्सा अधिकारियों के परामर्श से धार्मिक नेताओं की भागीदारी की जाए। इसके लिए अलग-अलग जिलों के लिए धनराशि भी जारी की गई है।