नई दिल्ली। वसंत ऋतु को ऋतुराज कहा जाता है, लेकिन मौसम के बदलने के साथ ही सौंदर्य से जुड़ी अनेक समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। वसंत ऋतु में मौसम में शुष्क हवा तथा तापमान में बढ़ोतरी से त्वचा के जलन तथा अन्य सौंदर्य समस्याएं उभर जाती हैं। मौसम में बदलाव के साथ ही हमें अपनी सौंदर्य आवश्यकताओं को बदलकर बदलते मौसम के अनुरूप ढालना चाहिए। हमारी त्वचा तथा बालों को पर्याप्त देखभाल मिल सके। यह कहना है अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौंदर्य विशेषज्ञ शहनाज हुसैन का।
उन्होंने कहा कि वास्तव में वसंत ऋतु के दौरान रोजाना 15 मिनट तक शहद का लेप चेहरे पर करके उसे स्वच्छ ताजे पानी से धो सकते हैं। इससे त्वचा पर सर्दियों के दौरान पड़े विपरीत प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है।
घरेलू उपचार
त्वचा की खाज, खुजली तथा फुंसियों में चंदन पेस्ट का लेपन कीजिए। चंदन पेस्ट में थोड़ा सा गुलाब जल मिलाकर उसे प्रभावित त्वचा पर लगाकर आधा घंटा बाद ताजे स्वच्छ जल से धो डालिए।
चंदन के दो या तीन बूंद तेल को 50 मिलीलीटर गुलाब जल में मिलाइ तथा इसे प्रभावित स्थान पर लगाइए। त्वचा की खारिश में एपल सिडर विनेगर काफी मददगार साबित होता है। इससे गर्मी की जलन व बालों में रूसी की समस्या को निपटने में मदद मिलती है।
नींबू की पत्तियों को चार कप पानी में हल्की आंच पर एक घंटा उबालिए। इस मिश्रण को टाइट जार में रातभर रहने दीजिए। अगली सुबह मिश्रण से पानी निचोड़कर पत्तियों का पेस्ट बना लीजिए और इस पेस्ट को प्रभावित त्वचा पर लगा लीजिए।
एक चम्मच मुलतानी मिट्टी को गुलाब जल में मिलाकर इस पेस्ट को प्रभावित स्थान पर लगाकर 15 से 20 मिनट बाद धो डालिए। त्वचा की खारिश में बायोकाबोर्नेट सोडा भी अत्यधिक प्रभावशाली साबित होता है। बायोकाबोर्नेट सोडे तथा मुलतानी मिप्ती एवं गुलाब जल का मिश्रण बनाकर पैक बना लें। इसे खारिश, खुजली चकते तथा फोड़े-फुंसियों पर लगाकर 10 मिनट बाद ताजे स्वच्छ जल से धो लीजिए।