डेस्क। गर्भवती होना हर महिला के लिए सुखद अहसास है। यह दौर किसी भी महिला के लिए सबसे नाजुक दौर है। इस दौरान कोख में पल रही नन्ही सी जान का भी ध्यान रखना होता है।
कई बार होता है कि कुछ गर्भवती महिलाओं के सपने पूरे होने से पहले टूट जाते हैं। हम बात कर रहे हैं गर्भपात की। जाने अनजाने कारणों के वजह से महिलाओं का गर्भपात हो जाता है। इसमें गर्भाशय संबंधी कोई परेशानी, पेट पर किसी कारण चोट लग जाए, कोई डर, मानसिक पीड़ा या फिर अवसाद की वजह से कई बार गर्भपात हो जाता है।
गर्भाशय को बचाने के लिए आयुर्वेद में भी कुछ बहुत कारगर उपाय बताए गए हैं। आइए जानते हैं क्या हैं वे उपाय।
हींग
प्रेगनेंसी में अपने खाने में हींग का प्रयोग कर महिलाएं गर्भपात की समस्या से बच सकती हैं। इसलिए शुरुआती महीनों में महिलाओं को गर्भपात के खतरे से बचने के लिए हींग को अपने खाने में शामिल करना चाहिए।
अनार के पत्ते
अगर अचानक से महिला को रक्तस्त्राव होने लगा है तो अनार के ताजा पत्तों (100 ग्राम) को पीसकर उसे पानी में छान लें। उस पानी को गर्भवती महिला को पिला दीजिए और बचे हुए लेप को पेट के निचले भाग यानि पेडू पर लगा दें। ऐसा करने से रक्तस्राव रुक जाएगा।
नींबू का रस
गर्भावस्था में महिला को विटामिन सी की बहुत जरूरत होती है। इसलिए महिलाओं को प्रेगनेंसी में नींबू और नमक वाली शिकंजी बहुत फायदेमंद होती है। यह गर्भपात होने से भी बचाती है। इसके अलावा गर्भपात का भय अगर लगातार बना रहता है तो ऐसे हालात में काले चने का काढ़ा बहुत लाभप्रद है। यह भी गर्भपात की सम्भावनाओं को टालता है।
अंकुरित भोजन
अंकुरित भोजन में विटामिन ई प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है, इसके अलावा सूखे मेवों का सेवन भी अवश्य किया जाना चाहिए।
गाजर
एक गिलास दूध में एक गाजर का रस मिलाकर उबालें। जब दूध आधा रह जाए तो इसका सेवन कर लीजिए। ऐसा प्रतिदिन करना फायदेमंद होगा। जिन महिलाओं का गर्भ नहीं ठहर रहा है वो इसे नुस्खें को अजमाना शुरु कर दें।
लौकी का जूस
महिलाओं को बार-बार रक्त स्त्राव की समस्या होती है, उन्हें नियमित तौर पर लौकी का जूस या सब्जी का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा सिंघाड़े का सेवन भी बहुत लाभप्रद है। अगर आपको रक्तस्त्राव ज्यादा होने के कारण आपको गर्भपात होने का अंदेशा लगता है तो तुरंत एक चम्मच फिटकरी को कच्चे दूध के साथ पानी में मिलाकर लेने से गर्भपात रुक जाता है। सौंठ और मुलहठी गर्भधारण करते ही महिलाओं को रोजाना 250 ग्राम दूध में आधी चम्मच सौंठ, चौथाई चम्मच मुलहठी मिलाकर पीने से भी गर्भपात का खतरा नही रहता है।
इन बातों का रखें ध्यान
प्रेगनेंसी में पाइनएप्पल, कच्चे अंडे, कच्चा मांस, आर्टिफिशल स्वीटनर, अल्कोहल, जरूरत से ज्यादा चाय और कॉफी, सीफूड, रेडीमेड फूड, फ्रोजन फूड, कच्चा पपीता और एलोवेरा को नजरअंदाज करना चाहिए। इनसे गर्भपात का खतरा बना रहता है।