नई दिल्ली। दांतों का रोग एक महत्वपूर्ण समस्या है। जंक फूड की खपत अधिक होने से स्कूली बच्चों में यह समस्या अधिक है। दंतक्षय डेंटल कैरीज इनेमल पर एसिड की क्रिया के कारण होती है। एसिड तब पैदा होता है, जब दांत की सतह पर प्लाक में मौजूद बैक्टीरिया के साथ खाद्य पदार्थ या पेयों में मौजूद शुगर (मुख्य रूप से सुक्रोज) प्रतिक्रिया करती है। उत्पादित एसिड इनेमल में कैल्शियम और फॉस्फेट की कमी का कारण बनता है। इस प्रक्रिया को डिमिनरलाइजेशन कहा जाता है।
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. केके अग्रवाल ने कहा कि भारतीय लोग मुंह की स्वच्छता के महत्व के बारे में अक्सर अनजान होते हैं। खराब दांत स्वास्थ्य से हृदय रोगों सहित कई संबंधित जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। आज के बच्चे अपने अस्वास्थ्यकर फूड पैटर्न के कारण दंतक्षय जैसी समस्याओं से परेशान हैं।
मुंह में बैक्टीरिया बेकार उत्पादों (या एसिड) को उत्पन्न करते हैं जो दांतों में छोटे छिद्र कर देते हैं। यह दंतक्षय का पहला चरण होता है। सही समय पर इसका इलाज करवा लेना चाहिए।
ऐसे करें दांतों की देखभाल
ब्रशिंग नियमित करें, इससे प्लाक और बैक्टीरिया के निर्माण को रोकने में मदद मिलती है, जो दंतक्षय और पेरियोडेंटल बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
हर दिन फ्लॉस करें, क्योंकि यह उन हिस्सों को साफ करने में मदद करता है, जहां ब्रश नहीं पहुंच सकता है।
शर्करा और स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों से बचें, क्योंकि इस तरह के खाद्य पदार्थों में मौजूद चीनी लार में बैक्टीरिया के साथ प्रतिक्रिया करके दंतक्षय बढ़ाने और इनेमल को समाप्त करने वाले एसिड का निर्माण करती है।
जीभ भी बैक्टीरिया को एकत्र करती है। ब्रश करने के बाद एक जीभी से जीभ को भी साफ करना चाहिए।
यदि आपके मसूड़ों में सूजन हो जाती है या उनसे खून बहता है तो एक दंत चिकित्सक से परामर्श लें। दांतों और मसूड़ों के दर्द को अनदेखा न करें।
हर छह महीने में अपने दांतों की जांच करवाएं। वर्ष में दो बार डेंटल क्लीनिंग करवाएं।