लखनऊ। पेट दर्द से पीडि़त सात साल के बच्चे का इलाज गोमती नगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने कर नया जीवन दिया। डॉक्टरों का कहना है कि संस्थान के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में पहली बार लैप्रोस्कोप से पित्त की थैली में पथरी का ऑपरेशन किया गया है। यह बच्चा झोलाछाप डॉक्टर से इलाज करवा रहा था। झोलाछाप पेट में हे रहे दर्द को कम नहीं कर सके। परिवार के लोग थक हारकर लोहिया अस्पताल पहुंचे थे। झोलाछाप के इलाज ने मासूम की जान जोखिम में डाल दी थी। बच्चे की पत्त की थैली में पथरी था जिससे कि उसे असहनीय दर्द हो रहा था।
पथरी का बढ़ गया था आकार
लखनऊ निवासी सात साल के बच्चे को एक साल पहले पेट दर्द की शिकायत हुई थी। परिवारीजनों ने कई स्थानीय डॉक्टरों को दिखाया। परिवारीजन झोलाछाप के चंगुल में भी फंस गए। इससे बच्चे के पेट में दर्द बढ़ गया। और देखते ही देखते पथरी का आकार भी बढ़ गया। परिवारीजन बच्चे को लेकर लोहिया संस्थान के मातृ शिशु एवं रेफरल हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। इसमें पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग का संचालन हो रहा है। विभाग के अध्यक्ष डॉ. तनवीर रोशन खान के निर्देशन में इलाज शुरू हुआ। डॉक्टरों ने पथरी की शंका होने पर अल्ट्रासाउंड जांच कराई। ऑपरेशन से पहले खून की जांचें कराई। 24 जनवरी को ऑपरेशन किया।
20 हजार का खर्च
डॉ. तनवीर ने बताया कि एक घंटे ऑपरेशन चला। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन जटिल था। पेट में तीन सुराख किए गए। छह एमएम की पथरी थी। जिसे बाहर निकाल दिया गया। अब बच्चा पूरी तरह से सेहतमंद हैं। सोमवार को बच्चे की छुट्टी कर दी गई। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन व पूरे इलाज पर करीब 20 हजार रुपये का खर्च आया।
ये हैं टीम
डॉ. तनीवर रोशन खान, डॉ. श्रीकेश सिंह, सीनियर रेजीडेंट डॉ. आशीष, एनस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. सुजीत, सिस्टर मेरी, और किरन शामिल थी।