भर्ती और डिस्चार्ज के समय बायोमैट्रिक से दर्ज होगी उपस्थिति
लखनऊ। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ लेने वाले मरीजों की उपस्थिति अब बायोमैट्रिक मशीन से दर्ज की जाएगी। साथ ही बड़ी जांचों के पहले भी इसी मशीन से हाजिरी लगेगी। केंद्र सरकार की ओर से जारी पत्र के अनुसार इसकी प्रक्रिया 15 अप्रैल से सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गए हैं।
गड़बड़ी रोकने उठाया कदम
केंद्र सरकार की स्वास्थ्य बीमा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सरकारी और सूचीबद्ध अस्पतालों में अब बायोमैट्रिक मशीन से मरीजों की उपस्थिति दर्ज कराने का निर्णय लिया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉक्टर दिनेश अरोड़ा ने देश के सभी राज्यों (तेलंगाना, ओड़ीसा, पश्चिम बंगाल और दिल्ली को छोड़कर) पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में किसी भी तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए अस्पतालों में बायोमैट्रिक मशीन से मरीजों की उपस्थिति दर्ज कराने का फैसला किया गया है।
18 लाख मरीजों को स्वास्थ्य लाभ
उन्होंने लिखा है कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत इस वर्ष 31 मार्च 2019 तक 18 लाख मरीजों ने स्वास्थ्य लाभ लिया। आगे भी हम उन्हें स्वास्थ्य लाभ देने के लिए दृढ़ संकल्प हैं। इसके लिए मरीजों की अस्पताल में उपस्थिति भर्ती और डिस्चार्ज दोनों समय दर्ज की जाएगी। साथ ही इसके लिए बड़ी जांचों, कीमोथ्रेपी, डायलिसिस आदि के पहले भी बायोमैट्रिक मशीन से ही उपस्थिति दर्ज कराई जाएगी। पत्र में यह भी स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत मरीज को दोबारा लाभ लेने के लिए सिर्फ अपना आधार नंबर बताना होगा।
तब ये होगी शुरुआत
इस बारे में सचीज (स्टेट एजेंसी फॉर कमप्रेहेंसिव हेल्थ इन्शुरेंस एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेस) संस्था के अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के लगभग सभी सरकारी और सूचीबद्ध अस्पतालों में बायोमैट्रिक मशीन लगी हुई है। अप्रैल मध्य से बायोमैट्रिक मशीन के जरिये ही मरीज की उपस्थिति दर्ज कराई जाएगी।
ऐसे उठाएं लाभ
आयुष्मान भारत सरकार की एक बीमा योजना है। इसके लाभार्थी को अस्पताल में भर्ती होने के लिए कोई चार्ज नहीं देना पड़ता है। अस्पताल में दाखिल होने से लेकर इलाज तक का सारा खर्च इस योजना में कवर किया जाता है। अस्पतालों में तैनात आयुष्मान मित्र मरीज को अस्पताल की सुविधाएं दिलाने में मदद करते हैं। अस्पताल में हेल्प डेस्क पर दस्तावेज चेक करने, स्कीम में नामांकन के लिए वेरिफिकेशन में मदद करते हैं। इस योजना में शामिल व्यक्ति देश के किसी भी सरकारी/पैनल में शामिल निजी अस्पताल में इलाज करा सकता है।