लखनऊ। राजधानी के एक अस्पताल में क्रोनिक पैंक्रियाटाईटीस की सर्जरी कर युवती को नया जीवन मिला है। यह सर्जरी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सफलतापूर्वक किया गया। इसके पहले युवती अपने उपचार के लिए कई अस्पतालों के चक्कर लगा चुकी थी लेकिन उसको कहीं भी कोई आराम नहीं मिला।
बढ़ गया था मधुमेह
इलाहाबाद निवासी 19 वर्षीय युवती रजनी कुमारी बीतें 5 वर्षों से लगातार पेट में दर्द, उल्टी, वजन घटने की बीमारी से पीडि़त थी। पिछले एक साल में मधुमेह भी बढ़ गया था जिसके कारण उसकी पढ़ाई-लिखाई सब पर विराम लग गया था। सर्जरी के दौरान युवती का खून नहीं निकलने दिया गया। करीब एक सप्ताह भर्ती के बाद उसे छुट्टी दे दी गई।
इस बीमारी का उपचार सर्जरी
अपोलो मेडिक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के गेस्ट्रोसर्जन डॉ. वलीउल्लाह सिद्दीकी ने बताया कि आमतौर पर यह दुर्लभ बीमारी भूमध्य रेखा के आस पास के क्षेत्रों दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों, श्रीलंका, अफ्रीका जैसी जगहों के रहने वाले लोगों में पायी जाती है। इसी कारण इसे ट्रापिकल कैल्सिफिक पैंक्रियाटाईटीस भी कहते हैं। यह बीमारी जीन उत्परिवर्तन के कारण भी हो सकती है। डॉ. वलीउल्लाह सिद्दीकी ने कहा कि इस बीमारी का उपचार सर्जरी द्वारा संभव है परन्तु दुर्लभ रोग होने के कारण इसका इलाज कहीं भी उप्लब्ध नहीं है। पिछले 5 सालों में पीडि़त मरीज इलाहाबाद व लखनऊ के कई निजी व सरकारी अस्पतालों का चक्कर लगा चुकी थी लेकिन कहीं भी उसे सम्पूर्ण इलाज नहीं मिल सका।
9 घंटे चली सर्जरी
9 घन्टे तक चली इस सर्जरी के लिए कोई रक्त आधान नहीं किया गया। सर्जरी पूरी तरह से रक्तहीन थी इसके बाद एक हफ्ते तक मरीज को अस्पताल में रखा गया इसके पश्चात उसको अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी। डॉ. वलीउल्लाह सिद्दीकी ने कहा कि पैन्क्रियाटाइटिस बीमारी से बचने के लिये सफेद ब्रेड, पास्ता, शुगर, परिष्कृत खाद्य पदार्थों से पूरी तरह से दूरी बनाकर रखें। रेड मीट, डोनट्स, कुकीज आदि ट्रांस फैट से दूरी बनाकर रखें।चाय और कॉफी का सेवन बिल्कुल न करें। तले हुए खाद्य पदार्थ, पिज्जा, मक्खन, अंडे, पनीर और बींस से हमेशा बचकर रहें। अगर आपको सिगरेट पीने की आदत है तो जितना जल्दी हो इस लत को छोड़ देना चाहिये।
डाक्टरों की टीम को दी बधाई
हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. सुशील गट्टानी ने हॉस्पिटल की पूरी टीम को इस दुर्लभ बीमारी की सफल सर्जरी के लिये बधाई दी। डॉ. सुशील गट्टानी ने कहा कि अब लोगों को दुर्लभ बीमारियों के उपचार के लिये ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि उन्हे विश्व स्तर की सारी सुविधाएं अब अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में मिलेंगी।