लखनऊ। डॉक्टरों की दोस्ती आज नजर आई। एक-दूसरे से बीते हुए पलों को दोबारा साझा किया। यह पल था केजीएमयू पीडियाट्रिक एल्युमिनाई समारोह का। नौस्टिल्जिया रीरोडेड यानी कि पुरानी मीठी यादें नाम से आयोजित किया गया था। यहां 1961 बैच से लेकर 2018 तक के चिकित्सकों ने हिस्सा लिया था। इस समारोह में प्रदेश भर से करीब 200 से अधिक एल्युमिनाई शामिल हुए। यहां एक-दूसरे को गले लगाया और बधाई दी। यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया जिसमें लोगों ने बढ़चढ़कर भाग लिया।
इन्होंने यह कहा
2002 बैच के डॉ. सुधाकर सिंह ने कहा कि आज का दिन खुशियों से भरा है। सालों बाद आज यारों से मुलाकात हुई। मिलकर ऐसा लगा कि मानों आज अपने क्लास में हैं। यहां 1961 बैच के डॉ. अमर नाथ रस्तोगी भी थे। उन्होंने कहा कि वार्ड में मेंजाइटिस से पीडि़त एक बच्चे की दो माह की दवा का पूरा इंतजाम सभी रेजीडेंटों ने मिलकर किया था। उस समय के विभागाध्यक्ष डॉ. अजय शर्मा को जब यह बात मालूम हुई तो उन्होंने सभी को शाबाशी दी। दो माह के बाद वह बच्चा हमारे आंखों के सामने चलकर आ रहा था। जबकि ज्यादातर लोगों का मानना था कि यह बच्चा नहीं बचेगा।
तीन दिन तक ड्यूटी
1994 बैच के डॉ. अजय श्रीवास्तव से मुलाकात हुई। उन्होंने कहा कि आज का दिन हमारे लिए बहुत खास है। उन्होंने कहा कि रेजीडेंट के रूप में मेरी ड्यूटी लगी थी। आज ड्यूटी किया तो मालूम पड़ा कि अगले दिन की ड्यूटी भी करनी पड़ेगी क्योंकि साथी रेजीडेंट ने आने से मना कर दिया था। सबसे अच्छी बात तो यह थी कि फिर अगले दिन मेरी ही ड्यूटी थी।