लखनऊ। संक्रमित व बीमार हाथ आपको और आपके परिवार को भी बीमार बना सकते हैं। हाथ ही संक्रामक रोगों के फैलने का सबसे बड़ा स्त्रोत है। इस तरह की जानकारी शनिवार को केजीएमयू में पैरामेडिकल साइंस डीन डॉ. विनोद जैन ने दी। डॉ. विनोद कलाम सेंटर में केजीएमयू इंस्टिट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंस की ओर से आयोजित चिकित्सा कर्मियों में संक्रमण की रोकथाम विषयक सेमिनार में बोल रहे थे। इसमें पैरामेडिकल स्टूडेंट ने बड़ी संख्या में भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने किया।
हमें खुद भी जागरूक रहना चाहिये
विशेषज्ञों ने बताया कि बरसात का मौसम संक्रामक रोगों के फैलने के लिए सबसे मुफीद समय होता है। इससे बचने के लिए हमें खुद भी जागरूक रहना चाहिये। सबसे जरूरी है कि हमें हाथों की सफाई करनी चाहिए। डॉ. विनोद जैन ने बताया कि चिकित्सा संस्थानों को संक्रमण से बचाव के तरीके अपनाने चाहिए। उन्होंने कहा कि रोगियों के संपर्क में आने के पहले और बाद में हाथ साबुन से जरूर धोएं। इसके अलावा सुरक्षा उपकरणों को पहनने से हटाने से पहले भी हाथ को साफ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से भी बचना चाहिए। कार्यक्रम संयोजक डॉ. अंकिता जौहरी ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पैरामेडिकल संकाय के 20 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। सभी प्रस्तुतियों का मूल्यांकन केजीएमयू की सीनियर फैकल्टी ने किया। सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियों को केजीएमयू पैरामेडिकल के वार्षिक समारोह में पुरस्कृत किया जायेगा।
सीखने की ललक बढ़ती है
कार्यक्रम के दौरान पैरामेडिकल साइंस के विद्यार्थियों ने भी व्याख्यान दिया। डॉ़ विनोद जैन ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम लगभग नहीं होते हैं। जिसमें विद्यार्थी ही वक्ता के साथ श्रोता भी हों। इससे सीखने की ललक बढ़ती है। इस दौरान 20 विद्यार्थियों ने व्याख्यान दिया। कुलपति प्रो़ एम एल बी भट्ट ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम हमेंशा होने चाहिए।
शारीरिक संपर्क से संक्रमण फैलता है
कार्यक्रम में डॉ. कीर्ति श्रीवास्तव ने बताया कि शारीरिक संपर्क से संक्रमण फैलता है। इसलिए हाथ मिलाने आदि जैसे क्रियाकलापों से बचने का प्रयास करें। बाहर की वस्तुएं खाने से परहजे करें। फलों को धोकर खाएं। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग जरूर करें।
ये थे मौजूद
रोकथाम पुस्तिका वितरित
इस अवसर पर डॉ. विनोद जैन और डॉ. अंकिता जौहरी ने परिकल्पित एवं लिखित चिकित्सा कर्मियों में संक्रमण की रोकथाम पुस्तिका को इस विषय की सुलभ जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से सभी प्रतिभागियों को वितरित की गई। पुस्तिका में संक्रमण के कारक, बचाव, प्रबन्धन आदि का सचित्र विवरण है।
इन बातों का रखें ध्यान
फटी त्वचा को कभी भी काटना, नोंचना व चबाना नहीं चाहिए। ऐसा करने से मुंह के बैक्टीरिया आपकी चोटिल त्वचा के संपर्क में आ सकते हैं।
नाखूनों पर एक हफ्ते से ज्यादा देर के लिए नेल पॉलिश न लगा रहने दें। क्योंकि ज्यादा समय तक रहने पर नाखूनों की सतह को खराब बना देती है।
नाखूनों व आसपास की त्वचा की सफाई के लिए घर पर ही नींबू के रस में पानी व चीनी मिलाकर पेस्ट बना लें। इस मिश्रण को हाथों पर पांच मिनट के लिए लगाकर छोड़ दें। फिर हाथों को गुनगुने पानी से साफ करके सुखा लें।
नाखूनों को हमेशा छोटा व साफ-सुथरा रखना चाहिए। नाखूनों के अंदर की त्वचा को साफ करने के लिए नेलब्रश की मदद लेनी चाहिए। गंदगी ही आगे चलकर संक्रमण का कारण हो सकती है।